नई दिल्ली। सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी ने खुद को अलग किया. अब दूसरी बेंच सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सीबीआई ने नागेश्वर राव के नियुक्ति के खिलाफ कॉमन कॉज द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि 24 जनवरी को नए सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर उच्च स्तरीय समिति की बैठक में भाग ले रहे है, इसलिए वे इस मामले में सुनवाई के लिए पीठ का हिस्सा नही हो सकते है.
इस मामले पर अब कल (25 जनवरी) नई बेंच सुनवाई करेगी.
अंतरिम सीबीआई निदेशक की जिम्मेदारी संभाल रहे एम नागेश्वर राव को 18 दिसंबर को सरकार ने अतिरिक्त निदेशक के रूप में पदोन्नत कर दिया. ओडिशा कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी राव के नाम को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मंजूरी प्रदान की.
उन्होंने 2016 में संयुक्त निदेशक के रूप में सीबीआई में कामकाज शुरू किया था. उच्चतम न्यायालय ने राव से तब तक कोई नीतिगत फैसला नहीं लेने को कहा, जब तक वह वर्मा और अस्थाना के बीच झगड़े से संबंधित याचिका पर सुनवाई नहीं करता.
सीबीआई के अंतरिम निदेशक की नियुक्ति ‘गैरकानूनी’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जु्न खड़गे ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि एम नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक के पद पर नियुक्ति ‘गैरकानूनी’ है तथा जांच एजेंसी के नए प्रमुख की नियुक्ति के निए चयन समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए.