कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस की तरफ से विपक्ष की 19 जनवरी को यहां आयोजित हो रही विशाल रैली लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए ‘ताबूत की कील’ साबित होगी और चुनावों में क्षेत्रीय दल निर्णायक की भूमिका में होंगे. ममता बनर्जी ने दावा किया कि आम चुनावों में भाजपा को 125 से अधिक सीटें नहीं मिलेंगी.
ममता ने कहा कि क्षेत्रीय दलों को भाजपा से कहीं अधिक सीटें मिलेंगी. उन्होंने कहा, ‘चुनावों के बाद क्षेत्रीय दल निर्णायक की भूमिका में होंगे.’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘रैली भाजपा के ताबूत में कील साबित होगी… वे 125 सीटों से अधिक हासिल नहीं कर पाएंगे.’ रैली की तैयारियों का जायजा लेने के लिए उन्होंने ब्रिगेड परेड ग्राउंड का भी दौरा किया.
ममता बनर्जी द्वारा शनिवार को भाजपा के खिलाफ बहुत बड़ा प्रदर्शन करने की योजना के बीच मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने तृणमूल कांग्रेस की मेजबानी वाली विपक्ष की इस महारैली के लिए अपने वरिष्ठ नेता सतीशचंद्र मिश्रा को चुना है.
तृणमूल कांग्रेस के अलावा इस रैली में कांग्रेस, टीडीपी, एसपी, आरजेडी, जेडी(एस), एनसीपी, द्रमुक, नेशनल कांफ्रेंस, आम आदमी पार्टी (आप) आदि दलों के नेताओं के नजर आने की संभावना है. रैली में मंच पर साथ नजर आने वाले ये दल आगामी लोकसभा चुनाव में केंद्र की एनडीए सरकार को हटाने का स्पष्ट आह्वान करेंगे.
ममता की रैली में कई दलों के शामिल होने की उम्मीद
ममता बनर्जी द्वारा शनिवार को कोलकाता में भाजपा के खिलाफ बहुत बड़ा प्रदर्शन करने की योजना के बीच मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने तृणमूल कांग्रेस की मेजबानी वाली विपक्ष की इस महारैली के लिए अपने वरिष्ठ नेता सतीशचंद्र मिश्रा को चुना है.
तृणमूल कांग्रेस के अलावा इस रैली में कांग्रेस, टीडीपी, एसपी, आरजेडी, जेडीएस, एनसीपी, द्रमुक, नेशनल कांफ्रेंस, आम आदमी पार्टी (आप) आदि दलों के नेताओं के नजर आने की संभावना है. रैली में मंच पर साथ नजर आने वाले ये दल आगामी लोकसभा चुनाव में केंद्र की एनडीए सरकार को हटाने का स्पष्ट आह्वान करेंगे.
19 जनवरी की रैली की तैयारियों का जायजा लेने के लिए ब्रिगेड परेड ग्राउंड का दौरा करने के बाद बनर्जी ने कहा, ‘यह रैली भाजपा के लिए विदाई की आहट होगी.’ एक वरिष्ठ तृणमूल नेता ने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है कि सभी विपक्षी पार्टियां आम चुनाव से पहले एक मंच पर होंगी जो भारतीय राजनीति के लिए निर्णयकारी क्षण होगा.