प्रयागराज/लखनऊ। अयोध्या मामले के पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई टलने पर निराशा जाहिर करते हुए इसके लिए जस्टिस यूयू ललित को ज़िम्मेदार माना है. वक्फ बोर्ड के सदस्य और यूपी बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन इमरान माबूद खान का कहना है कि जस्टिस यूयू ललित को पांच जजेज की बेंच गठित होते ही चीफ जस्टिस को जानकारी देकर खुद को इससे अलग कर लेना चाहिए था. उन्होंने खुद को सुनवाई से अलग नहीं किया, इसलिए वक्फ बोर्ड को मजबूरन इस बारे में कोर्ट के सामने आपत्ति दर्ज करानी पड़ी.
इमरान माबूद खान का कहना है कि आज की सुनवाई टलने के लिए केस से जुड़ा कोई भी पक्ष ज़िम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके लिए सिस्टम ही दोषी है. उनके मुताबिक़ सुप्रीम कोर्ट में एक और तारीख टलने से खुद वक्फ बोर्ड भी निराश है. वक्फ बोर्ड खुद भी चाहता है कि इस मामले में अब जल्द से जल्द डेटूडे बेसिस पर सुनवाई शुरू हो. इस मामले में फैसला कुछ भी आए, लेकिन देरी नहीं होनी चाहिए और न ही चुनाव ख़त्म होने का इंतजार करना चाहिए.
इमरान माबूद खान के मुताबिक़ इस मामले में जितनी जल्दी फैसला आ जाए, उतना ही अच्छा होगा. उन्होंने कहा है कि जस्टिस ललित के नाम पर आपत्ति कर वक्फ बोर्ड ने कुछ भी गलत नहीं किया है, क्योंकि खुद जस्टिस ललित और पूरी बेंच उसकी आपत्ति से सहमत थी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आज भी राम मंदिर पर नियमित सुनवाई की तारीख तय नहीं हो सकी. अब 29 जनवरी को नई संवैधानिक पीठ तय करेगी राम मंदिर पर सुनवाई की तारीख. 5 जजों की संविधान पीठ में शामिल जस्टिस यू यू ललित के बेंच से हटने की वजह से आज की सुनवाई टल गई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा अब किसी और दिन बैठेंगे. जस्टिस यू यू ललित ने मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन की तरफ से सवाल उठाने के बाद राम मंदिर पर बनी संवैधानिक बेंच छोड़ी. इस वजह से राम मंदिर पर पहली तारीख टली.