कमिश्नरेट को बताया कमीशन रेट… यूपी में BJP विधायक ने अपनी ही सरकार की पुलिस के खिलाफ खोला मोर्चा

आगरा कैंट से बीजेपी विधायक ने अपनी ही सरकार की पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने कमिश्नरेट को कमीशन का रेट बताया है.

आगरा कैंट से बीजेपी विधायक ने अपनी ही पुलिस पर उठाए सवालउत्तर प्रदेश के आगरा कैंट से बीजेपी विधायक जीएस धर्मेश ने अपनी ही सरकार की पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विधायक ने कहा कि आगरा में पुलिस कमिश्नरेट नहीं, बल्कि कमीशन रेट है. उन्होंने सीएम योगी को पत्र लिखकर यह गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने लिखा है कि अधिकारी से लेकर पुलिसकर्मी तक मुख्यमंत्री की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को पलीता लगा रहे हैं.

अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार को घेरा 

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा राज मे ‘कमिश्नरेट’ दरअसल ‘करेप्शनरेट’ बन गए हैं. कमिश्नरेट वसूली का विकेंद्रीकरण है. अखिलेश ने यह भी पोस्ट किया है कि यूपी के मुख्यमंत्री कम से कम अब तो अपने शासन-प्रशासन के कुशासन को स्वीकार कर लीजिए क्यूंकि अब तो आपके ही विधायक पुलिस ‘कमिश्नरेट’ को ‘कमिश्नर रेट’ की उपाधि से सुशोभित कर रहे हैं.

सपा चीफ ने बुलडोजर एक्शन पर कसा तंज 

पूर्व मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए लिखा कि अब क्या इस आलोचना के बाद आप उन पर भी एफआईआर लिखवाएंगे या बुलडोजर का डर दिखाएंगे. बता दें कि भाजपा विधायक ने पत्र के जरिए यह भी कहा कि पुलिस की लचर पैरवी के चलते अपराधी, बलात्कारी और भू माफिया आये दिन बरी हो रहे हैं. कोर्ट से गैर जमानती वारंटियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें छोड़ा जा रहा है. सरकार की स्वच्छ छवि धूमिल हो रही है.

पुलिस प्रशासन मनमानी पर उतारू है: अखिलेश  

अखिलेश ने कहा, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, बजट की लूट, निर्दोषों पर झूठे मुकदमे, फर्जी मुठभेड़, बढ़ते अपराध से प्रदेश की छवि खराब हो रही है. पुलिस प्रशासन मनमानी पर उतारू है. भाजपा सरकार ने अपने 7 साल के शासनकाल में ऐसा माहौल बना दिया है कि आज कोई भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है. उत्तर प्रदेश में अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का भाजपा का दावा झूठा है. बीजेपी नेता, विधायक खुद मानते हैं कि राज्य में भ्रष्टाचार काफी बढ़ गया है. सरकार और प्रशासन गले तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है.

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