नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन करने पर शिवसेना के राज्यसभा और लोकसभा सांसदों में घमासान चल रहा है. बीजेपी से हाथ मिलाने के मुद्दे पर शिवसेना ही दो फाड़ होती नजर आ रही है. शिवसेना के लोकसभा सांसदों के एक गुट का मानना है कि चुनाव में बीजेपी से गठबंधन करना लाभकारी रहेगा. लेकिन राज्यसभा सांसद संजय राऊत गठबंधन से इनकार कर रहे हैं. ऐसे में गठबंधन पर शिवसेना में दो गुट आमने सामने आए हैं.
दरअसल बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र के लातूर में कड़े तेवर दिखाने के बाद शिवसेना में अंदरूनी हलचल नज़र आ रही है. शिवसेना का एक गुट बीजेपी के साथ गठबंधन न होने पर नुकसान की बात कह रहा है. वहीं राज्यसभा सांसद संजय राऊत बीजेपी के ख़िलाफ़ बयानबाज़ी कर रहे है. राऊत कहते है,’ बीजेपी रोड रोमियों की तरह हमारे पीछे पड़ी है, लेकिन किसी भी हालत में गठबंधन नहीं होगा.
वहीं शिवसेना के लोकसभा के सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटील ने कहा, हमें तोड़ने की नहीं जोड़ने की बात करनी चाहिए. शिवसेना के सांसदों की यही इच्छा है की गठबंधन हो. लेकिन कुछ बयानबाज़ी होती है उसका नुक़सान हो रहा है.
अब तक शिवसेना की तरफ से बीजेपी से गठबंधन पर चर्चा होने का दावा कोई नहीं कर रहा था. ऐसे में बीजेपी और शिवसेना में गठबंधन को लेकर चर्चा शुरू है ऐसा दावा सांसद आढलराव पाटील ने किया है. उन्होंने कहा ‘अगर गठबंधन नहीं होता है तो दोनों पार्टियों का नुक़सान होगा और गठबंधन होता है तो फ़ायदा होगा.’
पहली बार शिवसेना में अंदरूनी टकराव सामने आयी है. अगर शिवसेना का बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं होता है तो ज़िम्मेदार संजय राऊत को रखा जाएगा. शिवसेना कुछ सीटों पर बीजेपी के वोटों के बग़ैर जीत हासिल नहीं हासिल कर पाएगी. ऐसे हालात में शिवसेना के कुछ सांसद चुनाव से किनारा करने के तैयारी में हैं. अब शिवसेना के सांसद उद्धव ठाकरे से मुलाक़ात करने वाले है. उद्धव ठाकरे अपने ही सांसदों की बग़ावत को कैसे ठंडा करते है यह देखना होगा.