नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने आरक्षण का बड़ा दांव खेला है. केंद्र सरकार ने सवर्णों को सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है. इस प्रस्ताव पर मोदी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. सरकार के इस फैसले पर ZEE न्यूज से बातचीत में एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसे कहते हैं 56 इंच के सीना वाला फैसला. दरअसल, सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पाकिस्तान की सीमा में घुसकर ऑपरेशन को अंजाम देने का मद्दा 56 इंच का सीना रखने वाले ही कर सकते हैं.
बीजेपी ने केंद्र के फैसले का किया स्वागत
सरकार के इस बड़े फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि गरीब सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिए. पीएम मोदी की नीति है कि सबका साथ सबका विकास. सरकार ने सवर्णों को उनका हक दिया है. पीएम मोदी देश की जनता के लिए काम कर रहे हैं.
ये है आरक्षण का फॉर्मूला
बताया जा रहा है कि सोमवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगाई गई. कैबिनेट ने फैसला लिया है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाएगा. आरक्षण का लाभ सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में मिलेगा.
बताया जा रहा है कि आरक्षण का फॉर्मूला 50%+10 % का होगा. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर सकती है. सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है. इसके तहत आर्थिक आधार पर सभी धर्मों के सवर्णों को दिया जाएगा आरक्षण. इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन होगा.
इन्हें मिलेगा आरक्षण
केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री विजय सांपला के मुताबिक जिन लोगों की सालाना आमदनी 8 लाख से कम होगी उन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा. जिन सवर्णों के पास खेती की 5 हेक्टेयर से कम जमीन संपत्ति के तौर पर होगी, उन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस आरक्षण का लाभ वे सवर्ण पा सकेंगे, जिनके पास आवासीय भूमि 1000 वर्ग फीट से कम होगी. जिन सवर्णों के पास अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में 100 गज से कम का आवासीय प्लॉट है वे इस आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे.
इसके अलावा जिन सवर्णों के पास गैर अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में 200 गज से कम का आवासीय प्लॉट है उन्हें इस आरक्षण का लाभ मिल सकेगा. सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है. इसके तहत आर्थिक आधार पर सभी धर्मों के सवर्णों को दिया जाएगा आरक्षण. इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन होगा. केंद्र सरकार के इस फैसले पर वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसे कहते हैं 56 इंच का सीना.