भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच के चयन पर हुए विवाद पर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कपिल देव ने बयान दिया है. कपिल देव ने प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य डायना एडुल्जी के भारतीय महिला टीम के कोच के तौर पर डब्ल्यू वी रमन की नियुक्ति रोकने के प्रयास पर शुक्रवार को निराशा व्यक्त की. कपिल का बयान तब आया है जब डायना एडुल्जी ने विनोद राय को पत्र लिखकर महिला टीम की कोच की नियुक्ति पर ऐतराज जताया है.
कपिल देव की अध्यक्षता वाली समिति ने भारतीय महिला टीम के कोच पद के लिये भारत को विश्व कप दिलाने वाले पूर्व कोच गैरी कर्स्टन और वेंकटेश प्रसाद सहित कईयों के साक्षात्कार लेने के बाद पूर्व सलामी बल्लेबाज रमन को चुना था. इस समिति में एस रंगास्वामी और अंशुमन गायकवाड़ भी शामिल थे. लेकिन इडुल्जी ने बार बार नियुक्ति की प्रक्रिया पर सवाल उठाए और इसे अवैध करार दिया क्योंकि वे इससे सहमत नहीं थीं और साथ ही उन्होंने सीओए प्रमुख विनोद राय की मंजूरी से पहले रमन की नियुक्ति पत्र को रोकने की भी कोशिश की.
जो हो रहा है उससे परेशान हूं
वर्ष 1983 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान ने इडुल्जी का नाम लिए बिनe कहा, ‘‘जो कुछ हो रहा है, मैं उससे काफी परेशान हूं. मैं किसी के नाम नहीं लेना चाहता लेकिन किसी एक व्यक्ति के अहम को देश में महिला क्रिकेट के विकास में रोड़ा नहीं बनना चाहिए. कुछ की अपनी पसंद और नापंसद होती हैं लेकिन यह सब राष्ट्रीय महिला टीम के हित से ऊपर नहीं हो सकता.’’
शुक्रवार को ही डायना इडुल्जी ने समिति के अध्यक्ष विनोद राय को पत्र लिखकर महिला टीम की कोच की नियुक्ति को गलत बताया है. इडुल्जी ने विनोद राय को लिखे ई-मेल में कहा है कि हाल में महिला टीम के मुख्य कोच नियुक्त किए गए डब्ल्यू. वी. रमन को अंतिरम कोच बनाया जाना चाहिए और सीएसी को टीम का मुख्य कोच नियुक्त करने देना चाहिए.
कपिल ने कहा कि महिला टीम के लिए इतने बड़े नाम काम करना चाहते हैं जो काफी सकारात्मक संकेत हैं. उन्होंने कहा, ‘‘देखिए जिन नामों ने आवेदन भरा. गैरी कर्स्टन ने भारत की कोचिंग की जिसने विश्व कप जीता. वेंकटेश प्रसाद जो भारतीय पुरूष टीम के गेंदबाजी कोच रह चुके हैं. रमन के तकनीकी ज्ञान के सभी मुरीद हैं. अगर किसी को इन नामों से परेशानी है तो वह भारतीय क्रिकेट के हित के बारे में नहीं सोच रहा.’’