हाल ही में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुल्जीने भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच की चयन प्रक्रिया को रद्द करने और रमेश पोवार को कम से कम अगले महीने से शुरू हो रहे न्यूजीलैंड दौरे तक कोच बरकरार रखने को कहा था. प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय ने एडुल्जी की मांग ठुकरा दी है. भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच की चयन प्रक्रिया को रद्द करने और रमेश पोवार को कम से कम अगले महीने से शुरू हो रहे न्यूजीलैंड दौरे तक कोच बरकरार रखने को कहा था.
राय को लिखे पत्र में एडुल्जी ने कहा था कि यह ध्यान में रखते हुए कि पोवार को टी20 कप्तान हरमनप्रीत कौर और अनुभवी सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना का समर्थन हासिल है इसलिए उनका अनुबंध कम से कम न्यूजीलैंड दौरे तक बढ़ाया जाना चाहिए.राय ने हालांकि अपने जवाब में स्पष्ट किया कि कोच चयन प्रक्रिया को रद्द करने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि बीसीसीआई पहले ही इस पद के लिए आवेदन मंगा चुका है. आवेदन की अंतिम तिथि 14 दिसंबर है. मनोज प्रभाकर, हर्शल गिब्स और दिमित्री मास्करेंहास जैसे पूर्व खिलाड़ी पहले ही इस पद के लिए आवेदन कर चुके हैं.
यह चाहती थीं डायना एडुल्जी
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘डायना ने पोवार का अनुबंध बढ़ाने की मांग को लेकर राय को पत्र लिखा था क्योंकि हरमनप्रीत और स्मृति दोनों ने ऐसी मांग की थी. वह चाहती थी कि साक्षात्कार प्रक्रिया रद्द की जाए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि राय ने अपने जवाब में कहा कि इस प्रक्रिया को रद्द करना संभव नहीं है क्योंकि इस पद के लिए विज्ञापन पहले ही जारी किया जा चुका है.’’
मिताली राज से हुआ था पोवार का विवाद
उल्लेखनीय है कि महिला टीम के कोच रमेश पोवार का कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म हो चुका है. इसके बाद बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट टीम के कोच के लिए विज्ञापन दिया था. इसके लिए प्रभाकर के अलावा हर्शल गिब्स ने भी आवेदन किया है. महिला टीम इंडिया पिछले महीने हुए महिला टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों हार गई थी जिसमें कप्तान हरमनप्रीत ने फॉर्म में चल रही मिताली राज को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया था. इस पर काफी बवाल हुआ था और मिताली और पोवार ने एक दूसरे पर काफी आरोप लगाए थे.
पोवार के बचाव में कप्तान हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना भी आए थे. खेल जगत भी दोनों के बीच हुए विवाद पर बंटता दिखा था. कई दिग्गजों ने पोवार को सही ठहराया था तो कुछ ने मिताली के लिए सहानुभूति दिखाई थी. विवाद बढ़ने के कारण बीसीसीआई ने पोवार का कार्यकाल बढ़ाने के बजाए नए कोच के लिए विज्ञापन निकाल दिया था.