अखिलेश यादव ने बताया-मायावती ने अपने भतीजे को क्यों पद से हटाया?

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रह है। सपा और कांग्रेस यहां पर मिलकर एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बसपा अकेले ही चुनावी मैदान में उतरी हुई है।

बसपा प्रमुख मायावती अपने फैसलों से सपा और कांग्रेस को मुश्किल में जरूर डाल रही है। उन्होंनेेेेेेेेेे कई ऐसी जगह पर प्रत्याशी उतारे है जिससे सपा और कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। इस बीच मायावती ने अपनी पार्टी में बड़ा बदलाव किया है।

उन्होंने कल अपनी पार्टी को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाने के साथ-साथ उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाने का फैसला भी वापस ले लिया।

बसपा प्रमुख ने ट्वीट करते हुए कहा है कि पार्टी और उसके मूवमेंट के व्यापक हित को देखते हुए पूर्ण परिपक्वता आने तक आकाश आनंद को दोनों जिम्मेदारियों से मुक्त किया जा रहा है। वही आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार पार्टी और मूवमेंट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे।

अब इस पूरे मामले पर अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी क़दम उठाया है वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है।

दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है क्योंकि बसपा के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं।

इस बात को बसपा अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है। इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेर-बदल कर रहा है लेकिन अब बाज़ी बसपा के हाथ से निकल चुकी है।

सच तो ये है कि जब बसपा का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है।

ऐसे में हम सभी वोटरों से अपील करते हैं कि आप अपना वोट ख़राब न करें और जो बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जी के संविधान को बचाने के लिए सामने से लड़ रहे हैं, इंडिया गठबंधन के उन प्रत्याशियों को वोट देकर जिताएं और संविधान के संग, आरक्षण भी बचाएं।

इसीलिए आग्रह है कि संविधान, आरक्षण और अपना मान-सम्मान बचाना है तो अपना वोट सपा को दें या जहाँ इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी हो वहाँ डालकर संविधान और आरक्षण विरोधी भाजपा को हराएं।

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