दिल्ली में सीक्रेट ठिकाना, 3 राजदार और 10 हथियारों की सप्लाई… अतीक के बेटे असद के पीछे-पीछे यूपी पुलिस

अहमदाबाद/लखनऊ। यूपी के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद अहमद को शरण देने के मामले में दिल्ली पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. असद अतीक अहमद का बेटा है. अतीक भी उमेश पाल केस में आरोपी है. तीनों पर उमेश की हत्या के बाद असद को दिल्ली में शरण देने का आरोप है.

आरोपियों ने पूछताछ में किया खुलासा

पुलिस ने बताया कि खुफिया जानकारी के बाद तलाश की गई थी. इसके बाद 28 मार्च को खालिद और जीशान को दिल्ली के सेख सराई से गिरफ्तार किया गया. इनके पास से हथियार और कारतूस बरामद हुए थे. पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि इन्होंने असद और गुलाम को दिल्ली में सीक्रेट ठिकाने पर शरण दी थी.

इसके बाद पुलिस ने 31 मार्च को जावेद को गिरफ्तार किया. जावेद ने बताया कि उमेश पाल की हत्या के बाद असद और गुलाम उससे मिले थे. पुलिस ने तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

अतीक और उसके परिवार पर एक और केस दर्ज

उधर, यूपी पुलसि ने उमेश पाल की हत्या से जुड़े जालसाजी मामले में अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन और उसके बेटे अली पर भी मामला दर्ज किया है. पुलिस ने बताया, FIR शनिवार को प्रयागराज के धूमनगंज थाने में दर्ज की गई. इसमें मोहम्मद साबिर और राकेश उर्फ ​​लाला को नामजद किया गया है.

24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या

प्रयागराज में 24 फरवरी को दिनदहाड़े राजूपाल हत्याकांड में गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल जब अपने घर जा रहे थे, तब गली के बाहर कार से निकलते वक्त उन पर शूटरों ने फायरिंग कर दी थी. इस दौरान बम भी फेंके गए थे. इस हमले में उमेश पाल और उनके दो गनर्स की मौत हो गई थी. उमेश पाल की पत्नी ने इस मामले में अतीक, उसके भाई अशरफ समेत 9 लोगों पर मामला दर्ज कराया है.पुलिस इस मामले में असद समेत 5 शूटरों की तलाश में जुटी है.

पुलिस को किन शूटरों की है तलाश? 

पुलिस को उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद का बेटा असद, अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर की तलाश है. इन पर 5-5 लाख का इनाम घोषित किया गया है. इतना ही नहीं पुलिस ने दो शूटरों अरबाज और विजय चौधरी उर्फ उस्मान को एनकाउंटर में मार गिराया है.

उमेश पाल अगवा केस में अतीक को हुई सजा

हाल ही में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण केस में अतीक समेत तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है. बसपा विधायक राजू पाल की हत्या 2005 में हुई थी. तब राजू पाल की सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे. उमेश का 28 फरवरी 2006 को अपहरण हुआ था. इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था.एक साल बाद उमेश ने अतीक, उसके भाई समेत 11 लोगों पर मामला दर्ज कराया था.