कभी भरपेट भोजन भी नहीं मिलता था, किट मांगकर खेलते थे क्रिकेट, हार्दिक पंड्या की स्ट्रगल स्टोरी

हार्दिक पंड्या ने अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी के दम पर टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली है, उन्होने पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में शानदार खेल दिखाया, जिसके बाद पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम ने कहा कि हार्दिक ने उनसे मैच छीन लिया, खैर इस ऑर्टिकल में हम उनके खेल के बारे में नहीं बल्कि शुरुआती संघर्ष के बारे में बात करेंगे।

काफी संघर्ष किया

हार्दिक पंड्या ने विक्रम के शो व्हाट द डक में खुलासा किया था कि उन्हें शुरुआती जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ा, उन्होने बताया कि अंडर-19 के दिनों में मेरा आहार मैगी होता था, मैं नूडल्स का बहुत बड़ा फैन था, हालात ऐसे थे, कि पैसे होते नहीं थे, तो डाइट मेंटेन करना मुश्किल था, अब में जो चाहूं खा सकता हूं, लेकिन तब हालात अलग थे, मैं सुबह-शाम दोनों समय मैगी खाता था, मैं मैच से पहले और रात को घर जाने के बाद मैगी खाया करता था, उन्होने खुलासा किया कि उन्हें और उनके भाई क्रुणाल पंड्या को मैचों के लिये बड़ौदा क्रिकेट संघों से किट उधार लेनी पड़ी थी, उनके पिता घर पर कमाने वाले एक मात्र व्यक्ति थे।

6 महीने में सबकुछ बदल गया

हार्दिक पंड्या ने बताया कि ये सब सिर्फ 6 महीने में बदल गया, मेरा चयन मुंबई इंडियंस में हो गया, आरसीबी के खिलाफ डेब्यू का मौका मिला, मैंने दूसरी ही गेंद पर छक्का लगा दिया, उन्होने कहा कि मुझे अभी भी याद है कि आरसीबी के किलाफ ये मेरी पहली पारी थी, मैं अजीब स्थिति में बल्लेबाजी करने के लिये आया था, दो ओवर बचे थे, इस मैच में डेविड विसे ने एक ओवर में 3 विकेट चटकाये, मैं जल्दी में भज्जी पा के पास गया, उन्होने बस एक बात कही, जी ले जिंदगी, मैंने उस मैच में 2 छक्के लगाये।

सचिन से मिला

हार्दिक पंड्या ने कहा मुझे आज भी याद है, जब मैं पहली बार सचिन तेंदुलकर से मिला था, ये एक अविश्सनीय मुलाकात थी, ये मुंबई इंडियंस के लिये पहला मैच था, हम कोलकाता के लिये रवाना हो रहे थे, मैं खाना खा रहा था,  किसी ने पीछे से मेरा कंधा थपथपाया, कहा हाय, मैं पलटा और सन्न रह गया, जल्दबाजी में अपने खाने की प्लेट गिरा दी, मेरे पीछे सचिन तेंदुलकर थे, किसी ने हमें सूचित नहीं किया था कि वो आ रहे हैं, मुझे खुद को संभालने में 20-25 मिनट लग गये।