अनिल देशमुख को सचिन वाजे के जरिए मिले थे ₹4.7 करोड़, कोर्ट ने भी माना: कई बार समन के बावजूद पेश नहीं हो रहे NCP नेता

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के वसूली रैकेट के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई की PMLA कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र में पूर्व पुलिसकर्मी सचिन वाजे समेत 11 लोगों को आरोपित बनाया गया है। इस आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा कि मनी ट्रेल से शुरुआती संकेत मिलता है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपने पीए कुंदन शिंदे के जरिए सचिन वाजे से 4.7 करोड़ रुपए लिए थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, कुंदन शिंदे ने वाजे को सह्याद्री गेस्ट हाउस के बाहर कैश से भरे 16 बैग सौंपा था। इसके अलावा चार्जशीट में वाजे-देशमुख के अलावा एक ट्रस्ट और नवी मुंबई स्थित एक कंपनी को भी आरोपित बनाया गया है। ईडी के मुताबिक, इस कंपनी के मालिक भी अनिल देशमुख का परिवार है। पीएमएलए कोर्ट के स्पेशल मजिस्ट्रेट एमजी देशपांडे ने 16 सितंबर 2021 को इस मामले चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए शनिवार को कोर्ट का विस्तृत आदेश उपलब्ध कराया गया।

प्रवर्तन निदेशालय अनिल देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे (अतिरिक्त कलेक्टर रैंक का अधिकारी) और पीए शिंदे को गिरफ्तार कर चुका है जो जेल में बंद हैं। हाल के आरोपपत्र में नामित 14 आरोपियों के खिलाफ समन जारी करते हुए अदालत ने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराधों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त आधार हैं।

आरोपपत्र में ईडी ने उल्लेख किया है कि देशमुख के कहने पर उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख ने वसूले गए पैसे को हवाला के जरिए आरोपित सुरेंद्र जैन और वीरेंद्र जैन को हस्तांतरित कर दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, “सुरेंद्र और वीरेंद्र जैन ने अपनी फर्जी कंपनिय़ों (केवल कागज पर ही हैं) के जरिए उस पैसे को आरटीजीएस और चेक के माध्यम से अनिल देशमुख की कंपनी श्री साईं शिक्षण संस्था में जमा करा दिया।”

अदालत ने आगे कहा कि कंपनियों के लेनदेन से पता चलता है कि 1.71 करोड़ रुपए नवंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच श्री साईं शिक्षण संस्था में जमा किए गए। 2013 से संस्था में कुल मिलाकर 4.18 करोड़ रुपए जमा कराए गए।

देशमुख नहीं हैं आरोपित

ईडी द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में इस खेल के मुख्य सूत्रधार अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपित नहीं बनाया है। इसको लेकर जाँच एजेंसी ने कहा है कि कई बार तलब करने के बाद भी वह एजेंसी के समक्ष नहीं आए, इसलिए उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं हो पा रही है। फिलहाल पीएमएलए कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को समन जारी किया है। मामले की सुनवाई 27 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।