‘वे उरी और पुलवामा को हल नहीं कर सके, लेकिन 20 जिलेटिन छड़ों के पीछे पड़े हैं’: वाजे पर NIA की कार्रवाई से तिलमिलाए संजय राउत

मुंबई। एंटीलिया बम कांड मामले में मुख्य आरोपितों में से एक सचिन वाजे को ‘बेहद ईमानदार और योग्य अधिकारी’ बता कर क्लीन चिट देने के बाद अब शिवसेना नेता संजय राउत ने राष्ट्रीय जाँच एजेंसी पर संदेह जताया है। उन्होंने कहा कि एनआईए केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है। शिवसेना नेता ने कहा कि जाँच एजेंसियों को ‘कुछ जिलेटिन की छड़ों’ के बजाय खतरनाक आतंकी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

विवादास्पद समाचार एंकर राजदीप सरदेसाई से बात करते हुए, शिवसेना नेता संजय राउत ने गुरुवार (मार्च 18, 2021) को महागठबंधन सरकार और मुंबई पुलिस के बीच चल रहे एंटीलिया बम कांड मामले में बचाव किया। शिवसेना के आतंकवादी मामले के कथित लिंक पर प्रतिक्रिया देते हुए, राउत ने कहा कि वह सचिन वाजे के लिए जवाब नहीं दे सकते, लेकिन केवल जाँच एजेंसियाँ ​​ही ऐसा कर सकती है।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) पर आरोप लगाते हुए राउत ने कहा कि सभी जानते हैं कि एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई किसके इशारे पर काम कर रहे हैं। एनआईए पर सवाल उठाते हुए राउत ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में एनआईए ने क्या हासिल किया है। एनआईए का काम आतंकवादियों के बीच साँठगाँठ को तोड़ना है। बताइए, उरी आतंकी हमले, पठानकोट आतंकी हमले और पुलवामा हमलों के बाद एनआईए ने क्या किया है? क्या उन्होंने कोई रिपोर्ट प्रस्तुत की है?”

शिवसेना नेता ने दावा किया कि एक गाड़ी में 20 जिलेटिन की छड़ें पाए जाने के बाद पूरा एनआईए, केंद्र सरकार और विपक्षी दल इसके पीछे लगा हुआ है। उन्हें देश भर की अन्य खतरनाक आतंकी गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। राजदीप सरदेसाई के एक सवाल के जवाब में कि क्या यह मामला महाराष्ट्र सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल कर सकता है, संजय राउत ने कहा कि विपक्ष इस मामले में ‘राई का पहाड़’ बना रही और इससे सरकार की विश्वसनीयता प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि यह ‘मुद्दा’ ‘महाराष्ट्र तक सीमित’ था।

निश्चित रूप से, राउत ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के खिलाफ बम के खतरे को यह दावा करते हुए कम करने का प्रयास किया कि यह सिर्फ उनके घर के बाहर पाए गए कुछ जिलेटिन की छड़ें थीं।

गलती हुई है, शिवसेना में शामिल होना कोई अपराध नहीं है: संजय राउत

साक्षात्कार में, संजय राउत ने यह भी स्वीकार किया कि मुंबई पुलिस ने एंटीलिया बम मामले को सँभालने में गंभीर गलती की है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि ऐसी गलतियाँ भविष्य में दोबारा नहीं होंगी। उन्होंने कहा, “यह सच है कि ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए था। पुलिस से एक गलती हुई है और यह दोबारा नहीं होगी।”

एंटीलिया बम कांड मामले में शिवसेना नेताओं के शामिल होने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर, संजय राउत ने कहा कि कोई भी इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकता कि पुलिस निर्वाचित सरकार के तहत काम करती है। उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन की गलतियों के लिए सरकार जिम्मेदार है और इसलिए मुख्यमंत्री ने प्रशासन में फेरबदल का आदेश दिया है।

राजदीप सरदेसाई ने शिवसेना और आरोपित सचिन वाजे के बीच संबंधों पर सवाल उठाया, जो 2008 में संजय राउत की पार्टी में शामिल हुए थे। इस पर जवाब देते हुए राउत ने कहा कि शिवसेना में शामिल होना अपराध नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विचारधारा के अधार पर कोई भी पार्टी में शामिल हो सकता है।

राज्यसभा सांसद ने कहा, “एनआईए और एटीएस सचिन वाजे के सभी आरोपों की जाँच कर रहे हैं। आप उचित जाँच के बिना किसी को भी नहीं लटका सकते। अगर कोई गलत काम किया है तो सचिन वाजे को सजा दी जाएगी। क्या शिवसेना का सदस्य होना गुनाह है?”

संजय राउत ने सचिन वाजे का बचाव करते हुए कहा कि वह बहुत ईमानदार हैं

एनआईए ने एंटीलिया-मनसुख मामले में शामिल होने के लिए सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया है। संजय राउत ने विवादास्पद पुलिस अधिकारी का बचाव करते हुए दावा किया था कि सचिन वाजे एक बहुत ही ईमानदार और योग्य अधिकारी हैं। संजय राउत ने कहा था, “मेरा मानना है कि सचिन वाजे एक बहुत ही ईमानदार और सक्षम अधिकारी हैं। उसे जिलेटिन की छड़ें पाए जाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। एक संदिग्ध मौत भी हुई। मामले की जाँच करना मुंबई पुलिस की जिम्मेदारी है। किसी केंद्रीय टीम की जरूरत नहीं थी।”

दिलचस्प बात यह है कि यह बयान ऐसे समय में आया है, जब वाजे ने कबूल कर लिया कि वो मुकेश अंबानी को दी गई बम वाली धमकी षड्यंत्र का हिस्सा थे। वो इस पूरे षड्यंत्र का एक बहुत छोटा सा हिस्सा थे और बड़े खिलाड़ी शिवसेना के वो नेता हैं, जिनका उन्होंने नाम लिया है। सचिन वाजे ने पूछताछ में कहा कि वो तो सिर्फ इस पूरे प्रकरण का छोटा सा ऊपरी हिस्सा हैं।