मुस्लिम युवकों को तकरीर के बाद आतंकवाद की ट्रेनिंग देता था मुस्तकीम, दहशतगर्दी का झंडा बुलंद करना था मकसद

बलरामपुर। आतंकी मुस्तकीम के तार उतरौला कोतवाली अंतर्गत बढ़या भैसाही गांव से लेकर सिद्धार्थनगर जिला तक बिखरे थे। मुस्तकीम गांव के बजाय सिद्धार्थनगर में ढेबरुआ के वेतनार मस्जिद में नमाज पढ़ने जाता था। वहां कुछ मुस्लिम युवकों को तकरीर करके आतंकवाद का पाठ पढ़ाता था। वह चाहता था कि देश में आईएसकेपी का झंडा बुलंद हो। दिल्ली विशेष पुलिस टीम ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया। संदिग्ध आतंकी के बढ़या भैसाही गांव में सातवें दिन भी सन्नाटा पसरा है।

उतरौला कोतवाली के बढ़या भैसाही निवासी मुस्तकीम पिछले दो साल से जिले में आतंक की स्क्रप्टि लिख रहा था। वह चाहता था कि आत्मघाती दस्ता बनकर ऐसा विस्फोट करे जिससे देश में उसका नाम हो। संसाधन न मिलने पर वह स्वयं गोला-बारूद बनाने की तैयारी में जुटा था। बीते शुक्रवार को पुलिस ने उसकी दिल्ली दहलाने की कोशिश नाकाम कर दी। वह दिल्ली पुलिस विशेष दस्ते के हाथों पकड़ा गया। संदिग्ध आतंकी मुस्तकीम क्षेत्र में दहशत फैलाने के पक्ष में था। वह चाहता था कि संगठन उसे गोला बारूद भेजकर आतंक फैलाने का मौका दे लेकिन इन्कार पर उसे स्वयं विस्फोटक तैयार करने की योजना बनानी पड़ी।

बताते हैं कि मुस्तकीम जुमे की नमाज सिद्धार्थनगर जिले के ढेबरुआ थाना अंतर्गत वेतनार स्थित मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ने जाता था। वहां वह तकरीर करके युवकों को बरगलाता था। वह चाहता था कि आतंकी संगठन का झंडा जिले में बुलंद हो। मुस्तकीम ने सिद्धार्थनगर में आतंकी संगठन का प्रचार प्रसार तेजी से किया था। वह नवयुवक मुस्लिम धर्म के लोगों को अपने पक्ष में ला रहा था। उसने कई युवकों को अपने जाल में फंसा कर फिदायीन बनने के लिए तैयार किया था। बताया तो यहां तक जाता है कि दर्जनभर मुस्लिम युवक उसके पक्ष में थे। समय रहते वह पकड़ा नहीं जाता तो अब तक देश में बड़ा विस्फोट हो चुका होता।

वेतनार मस्जिद में पढ़ता था नमाज
आतंकी मुस्तकीम सप्ताह में एक बार सिद्धार्थनगर जिले के ढेबरुआ थाना अंतर्गत वेतनार मस्जिद में जुमा नमाज पढ़ने जाता था। वह मस्जिद में तकरीर करता था। वहां के नवयुवकों को आतंकी संगठन से जोड़ने के लिए प्रयास करता था। बताया जाता है कि सिद्धार्थनगर जिले के करीब पांच सौ लोगों को मुस्तकीम ने विदेश भेजा है। दिल्ली स्पेशल पुलिस की निगाह अब सिद्धार्थनगर पर है। वह उन पांच सौ लोगों का पता लगाने में जुटी है जिसे मुस्तकीम ने भेजा है। आईबी अगर कामयाब हुई तो आंतक के राज का बड़ा पर्दाफाश होगा। आईबी उन लोगों का पता तलाश रही है जो विदेश भेजे गए हैं। पता चला है कि प्रारम्भिक तौर पर जो लोग विदेश गए हैं वो रोजी-रोटी की तलाश में गए हैं। आईबी की नजर उन लोगों पर है जो मुस्तकीम के जरिए विदेश भेजे गए हैं।