नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान बहुजन समाज पार्टी(बीएसपी) द्वारा कांग्रेस से तोड़ने के बाद राज्य में कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ ने इसके लिए बीएसपी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि बीएसपी जो सीटें मांग रही थी, वहां उनके जीतने के कोई चांस नहीं थे.
कमलनाथ ने कहा, ‘बीएसपी ने सीटों की जो सूची हमें दी, वहां उनके जीतने के कोई चांस नहीं थे और जो सीटें वो जीत सकते थे, वो उनकी सूची में थी ही नहीं.’ उन्होंने कहा कि हालांकि बीएसपी के निर्णय से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि पार्टी का जमीनी आधार बहुत मजबूत है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता समझदार है और वो जानती है कि किसे चुनना है.
बीएसपी की अलग राह
बीएसपी ने बुधवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस से अलग रहकर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. इससे पहले वो छत्तीसगढ़ लेकर भी ऐसा ही फैसला कर चुकी हैं. कांग्रेस के साथ गठबंधन न करने की घोषणा करते हुए मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस को अहंकार हो गया है कि वह अकेले लड़कर चुनाव जीत सकती है. मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस भी बीजेपी की तरह ही बीएसपी को खत्म करने की साजिश रच रही है.
दिग्विजय सिंह पर फोड़ा ठीकरा
उन्होंने गठबंधन नहीं हो पाने के लिए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया. बीएसपी प्रमुख ने कहा, ‘मुझे लगता है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कांग्रेस-बीएसपी गठबंधन को लेकर इमानदार हैं लेकिन कुछ कांग्रेसी नेता ऐसा नहीं चाहते.’ मायावती ने इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह पर भी निशाना साधा और दिग्विजय को बीजेपी का एजेंट करार दिया. बीएसपी चीफ ने कहा, ‘दिग्विजय सिंह, (जो कि बीजेपी के एजेंट है) ये बयान दे रहे हैं कि मुझे पर केंद्र की तरफ से कांग्रेस से गठबंधन न करने के लिए बहुत दवाब डाला जा रहा है.’