लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेगी। योगी सरकार का यह चौथा बजट है, जिसमें युवाओं और महिलाओं पर खास फोकस होने की उम्मीद है। यह पहला मौका होगा जब दोनों सदनों में बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा। पिछले वर्षों में बजट दोपहर 12.20 बजे पेश किया जाता था।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना विधानसभा में बजट पेश करेंगे तो विधान परिषद में इस परंपरा को नेता सदन उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा निभाएंगे। विधानमंडल में पेश किये जाने से पहले मंगलवार सुबह 9.30 बजे लोकभवन में होने वाली कैबिनेट बैठक में बजट के मसौदे को मंजूरी दी जाएगी। बजट का आकार 5.15 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। समावेशी विकास के फॉर्मूले के तहत नये बजट के जरिये योगी सरकार युवाओं, महिलाओं और किसानों को साधने की कोशिश करेगी।
युवाओं के लिए उम्मीद की रोशनी
युवाओं को दक्ष बनाकर उन्हें स्वरोजगार और नौकरियों के काबिल बनाने के लिए बजट में नई योजनाओं की घोषणा हो सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा को अमली जामा पहनाने के लिए दसवीं कक्षा से स्नातक तक के विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप योजना शुरू होगी। रोजगार मुहैया कराने के लिहाज से उपयोगी मानी जा रही एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना को सरकार शिद्दत से आगे बढ़ाएगी।
महिलाओं की फिक्र भी
आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाओं पर भी सरकार मेहरबान होगी। हिंदू परित्यक्ताओं और तीन तलाक पीड़िता मुस्लिम महिलाओं को सालाना छह हजार रुपये पेंशन देने के मुख्यमंत्री की घोषणा को बजट के जरिये अमली जामा पहनाया जा सकता है। राज्य पुलिस बल में महिलाओं की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए भी बजट में एलान संभव है।
किसानों को साधने की तैयारी
इसी वर्ष होने जा रहे पंचायत चुनाव को देखते हुए सरकार ग्रामीण सेक्टर को तवज्जो देगी और किसानों को साधने का प्रयास भी। किसानों व उनके आश्रितों और बटाईदारों को सामाजिक सुरक्षा देने के मकसद से मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए सरकार बटुआ ढीला करेगी। जल जीवन मिशन और बुंदेलखंड-विंध्य क्षेत्र में पाइप्ड पेयजल योजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार दरियादिली दिखाएगी। छुट्टा पशुओं की समस्या से किसानों को निजात दिलाने के लिए गोआश्रय स्थलों के निर्माण पर सरकार का फोकस बरकरार रहेगा। सिंचाई क्षमता बढ़ाने और अधूरी परियोजनाओं को पूरी करने के लिए भी सरकार पर्याप्त बजट आवंटन करेगी।
बुनियादी ढांचे पर रहेगा जोर
नए बजट में भी बुनियादी ढांचे पर सरकार का फोकस बरकरार रहेगा। पांच एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं को मूर्त रूप देने में जुटी योगी सरकार इनके लिए खजाना खोलेगी। जेवर एयरपोर्ट के विस्तार समेत सूबे में 11 हवाई अड्डों के निर्माण के लिए भी बजट आवंटन हो सकता है। डिफेंस कॉरीडोर के विकास और सड़कों-सेतुओं के निर्माण व रखरखाव के लिए भी सरकार मोटी रकम देगी।
बढ़ेगा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का एजेंडा
योगी सरकार सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को धार देने से नहीं चूकेगी। अयोध्या, काशी और मथुरा में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार उदारता दिखाएगी।
कानून व्यवस्था के मोर्चे पर चौकसी
कानून व्यवस्था में सुधार को लेकर मुख्यमंत्री के रुख को देखते हुए बजट में गृह विभाग के लिए भी पर्याप्त आवंटन होने के आसार हैं।
इनके लिए भी हो सकता है बजट आवंटन
- अलीगढ़, सहारनपुर और आजमगढ़ में राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना
- ग्रेटर नोएडा में पुलिस व फोरेंसिक विश्वविद्यालय की स्थापना
- गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना
- अटल बिहारी चिकित्सा विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य
- उत्तर प्रदेश में 10 और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना
- हर तहसील में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) की स्थापना
पिछले बजट की खासियतें
- वर्ष 2019-20 के बजट में 21,912.95 करोड़ रुपये की नई योजनाओं/मदों का एलान
- बालिकाओं के लिए शुरू की गई कन्या सुमंगला योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये
- बिजली सेक्टर के लिए 35922 करोड़ रुपये
- सड़कों-सेतुओं के निर्माण व रखरखाव के लिए 19841.33 करोड़ रुपये
- एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं के लिए 3194 करोड़ रुपये
- सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए 12208 करोड़ रुपये
- जेवर एयरपोर्ट के लिए 800 करोड़ रुपये