नई दिल्ली। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया है. वह 9 अगस्त से दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती थे. एम्स की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज के अनुसार अरुण जेटली का निधन शनिवार को दोपहर 12:07 बजे हुआ है. पिछले दिनों अरुण जेटली को एक्स्ट्राकारपोरल मेंब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) और इंट्रा ऐरोटिक बैलून (IABP) सपोर्ट पर रखा गया था. लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे अरुण जेटली को सांस लेने में तकलीफ के चलते 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था. उनकी उम्र 67 वर्ष थी.
अरुण जेटली का पार्थिव शरीर आज दोपहर 2:30 बजे एम्स से उनके आवास लाया जाएगा. कल (25 अगस्त) उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए दोपहर 12 बजे बीजेपी मुख्यालय पर रखा जाएगा. कल दोपहर 2 बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के निधन पर शोक जताया. पीएम मोदी ने कहा अरुण जेटली का राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान है. मैंने उनके रूप में दोस्त को खो दिया है. अरुण जेटली जी राजनीतिक दिग्गज थे. पीएम मोदी ने कहा कि जेटली जी ने कई बड़ी जिम्मेदारियां निभाईं. हमें हमेशा उनकी कमी खलेगी. अरुण जेटली जैसी समझ बहुत कम नेताओं में है. उन्होंने अरुण जेटली की पत्नी और बेटे से फोन पर बात की. अरुण जेटली के परिवार ने अपील की है कि पीएम मोदी अपना विदेश दौरा रद्द ना करें. बता दें कि पीएम मोदी संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर गए हैं.
Arun Jaitley Ji was a political giant, towering intellectual and legal luminary. He was an articulate leader who made a lasting contribution to India. His passing away is very saddening. Spoke to his wife Sangeeta Ji as well as son Rohan, and expressed condolences. Om Shanti.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्मृति ईरानी समेत अन्य नेताओं ने अरुण जेटली के निधन पर शोक जताया है. कांग्रेस की ओर से भी शोक जताया गया है. उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी आंध्र प्रदेश के दौरे को बीच में रद्द करके दिल्ली आ रहे हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के निधन पर राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा ने भी शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि जेटली जी का निधन राष्ट्रीय राजनीति में शून्य पैदा करता है. उनको विनम्र श्रद्धांजलि. उनकी कमी को कभी नहीं भरा जा सकता.
ऐसा रहा है अरुण जेटली का सफर :
2. अरुण जेटली ने नई दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल से 1957-69 तक पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम किया. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से 1977 में लॉ की पढ़ाई पूरी की.
3. अरुण जेटली लॉ की पढ़ाई के दौर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेता भी थे. डीयू में पढ़ाई के दौरान ही वह 1974 में डीयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बने.
4. 1975 में देश में लगे आपातकाल का विरोध करने के पर उन्हें 19 महीनों तक नजरबंद रखा गया था. 1973 में वह जयप्रकाश नारायण और राजनारायण द्वारा चलाए जा रहे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी सक्रिय रहे. नजरबंदी खत्म होने के बाद उन्होंने जन संघ पार्टी ज्वाइन की.
5. 1977 में उन्हें दिल्ली एबीवीपी का अध्यख और ऑल इंडिया सेक्रेटरी बनाया गया. उन्हें 1980 में बीजेपी युवा मोर्चा का अध्यक्ष और दिल्ली ईकाई का सेक्रेटरी बनाया गया था.
7. अरुण जेटली 1991 से बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे. 1999 के आम चुनाव में बीजेपी ने उन्हें पार्टी प्रवक्ता बनाया. जेटली ने जून 2009 को वकालत रोक दी. उन्हें राज्यसभा में 2009 से 2014 तक नेता विपक्ष बनाया गया था. 2009 में राज्यसभा में नेता विपक्ष बनने पर उन्होंने पार्टी महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया.
9. 2014 में अरुण जेटली ने बीजेपी की टिकट पर अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. लेकिन उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार कैप्टन अमरिंदर सिंह से हार मिली.
10. अरुण जेटली गुजरात से राज्यसभा सदस्य रहे. मार्च 2018 में उन्हें उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य चुना गया. 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद उन्होंने इस सरकार में वित्त मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालय संभाले.
12. 1982 में अरुण जेटली की शादी संगीता जेटली से हुई. उनके दो बच्चे हैं- रोहन और सोनाली. उनके दोनों बच्चे वकील हैं.
14. अरुण जेटली ने 29 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया और कहा कि उन्हें नई सरकार में किसी भी तरह की अहम जानकारी न दी जाए.