नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज की याद में आज दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने सुषमा स्वराज को याद करते हुए उनसे जुड़े कई किस्से सुनाए. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी बेटी बांसुरी में लघु सुषमा स्वराज का रूप दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि भले ही सुषमा स्वराज उनसे उम्र में छोटी थीं लेकिन उन्होंने उनसे जीवन में कई बातें सीखीं. श्रद्धांजलि सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए. कार्यक्रम के दौरान सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल और बेटी बांसुरी स्वराज भी मौजूद रहीं.
…जब सुषमा स्वराज ने पीएम से पूछा- आपका भाषण कहां है?
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले भाषण से जुड़ा एक किस्सा सुनाते हुए बताया कि कैसे सुषमा स्वराज ने उन्हें बिना तैयारी के बोलने से मना कर दिया था. उन्होंने कहा, ”यूएन में मेरा भाषण होना था, मैं पहली बार वहां जा रहा था. सुषमा जी मुझसे पहले पहुंच गई थीं. मैं जब वहां पहुंचा तो मुझे रिसीव करने के लिए वह गेट पर थीं. मैंने कहा कि कल सुबह मुझे बोलना है, इस पर चर्चा कर लेते हैं तो सुषमा जी ने पूछा कि आपका भाषण कहां है? मैंने कहा कि ऐसे ही बोल देंगे. उन्होंने कहा कि अरे भाई ऐसे नहीं होता है.’
पीएम ने कहा, ”सुषमा जी ने मुझसे कहा कि ऐसा नहीं होता जी, दुनिया से भारत की बात करनी है, आप अपनी मर्जी से नहीं बोल सकते हैं. मैं पीएम था और वह विदेश मंत्रालय को संभालने वाली साथी मंत्री थीं, लेकिन वह मुझे कहती हैं कि अरे भई ऐसा नहीं होता है. मैंने कहा कि पढ़कर बोलना मेरे लिए मुश्किल होता है, मैं ऐसे ही बोल दूंगा. उन्होंने कहा कि जी नहीं. रात को ही उन्होंने मुझसे स्पीच तैयार कराई.” प्रधानमंत्री ने बताया, ”सुषमा जी ने कहा कि आप कितने ही अच्छे वक्ता क्यों न हों, आपके विचारों में कितनी ही साध्यता क्यों न हो, लेकिन कुछ फोरम होते हैं, जिनकी अपनी मर्यादा होती हैं और वे आवश्यक होती हैं. यह सुषमा जी ने मुझे पहला सबक सिखा दिया था.”
विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज के काम की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ”सूट-बूट और प्रोटोकॉल वाले विदेश मंत्रालय को पीपल्स कॉल में परिवर्तित कर दिया. उन्होंने विश्वभर में फैले भारतीयों के सुख दुख की समस्या को मंत्रालय का मिशन बनाया. अपने कार्यकाल में उन्होंने पूरे देश में 500 से ज्यादा पासपोर्ट ऑफिस खुलवाए ताकि लोगों को असुविधा न हो.”
प्रधानमंत्री ने बताया कि वे एक बार पहले भी चुनाव लड़ने से मना कर चुकी थीं लेकिन मैंने और वैंकेया जी ने उन्हें मनाया तो वो मान गईं. लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव ना लड़ने का मन बना लिया था, इसलिए उन्होंने पहले ही सार्वजनिक मंच से एलान कर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाती थी, पूरे दिल से करती थीं. पीएम ने कहा कि सुषमा स्वराज की बेटी में बासुरी में लघु सुषमा स्वराज का स्वरूप दिखाई देता है. पीएम ने कह भी कहा कि वे बहुत मृदु बोलती थीं लेकिन उनकी जुबान में हरियाणवी टच रहता था, वे मजबूती के साथ अपनी बात रखतीं थीं.