बेतिया। बिहार के बेतिया व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता मुराद अली ने जम्मू काश्मीर के पूर्व तीन मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में परिवाद दायर किया है.
सीजेएम ने परिवाद को स्वीकृत करते हुए प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी के के शाही के न्यायालय में स्थानांरित कर दिया है. जिसकी सुनवाई 24 सितंबर को होगी. अधिवक्ता मुराद अली ने अनुछेद 370 का विरोध करने के मामले में भादवि 124 ए, 153 ए व बी, 504 व120 बी के तहत दायर किया है.
दर्ज परिवाद में अधिवक्ता मुराद अली ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर की तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों ने आरोप लगाया है कि धारा 370 भारतीय संविधान में अस्थायी है. जिसे पहले ही हटा देना चाहिए था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी शक्तियों का उपयोग कर इस धारा को हटाने का आदेश दिया है.
मुराद अली ने परिवाद में कहा है कि जम्मू-कश्मीर के संविधान सभा का मतलब विधानसभा के रुप में है. विधानसभा का सारे अधिकार लोकसभा व राज्यसभा दोनों सदनों को है. आरोपियों ने धारा को हटाने को लेकर विरोध किया है. जिसे प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से भारत सरकार के प्रति उनमाद पैदा किया है, मूलवंश, भाषा व भारत के अन्य राज्यों के नागरिकों में शत्रुता पैदा करने का प्रयास किया है. अखंडता, एकता व अक्षुन्य रखने में इन्होंने आघात पहुंचाया है. राष्ट्रीय अखंडता व लोकशांति भंग करने का काम किया है.