नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अभी मतदान खत्म नहीं हुए हैं, लेकिन विपक्षी दलों ने चुनाव के बाद बनने वाली हर परिस्थिति से निपटने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक यूपीए में शामिल राजनीतिक दल और अन्य विपक्षी दल 19 मई को सातवें चरण के मतदान के बाद और 23 मई को नतीजों से पहले किसी भी दिन राजधानी दिल्ली में एक बड़ी बैठक करेंगे.
यह बैठक 20 या 21 मई की शाम को हो सकती है जिसमें सभी विपक्षी दलों के प्रतिनिधि बैठकर चुनाव के बाद की परिस्थितियों पर चर्चा करेंगे. लेफ्ट पार्टियों के सूत्रों ने आज तक को बताया है कि यह कोई औपचारिक बैठक नहीं होगी लेकिन इसे एक अनौपचारिक गेट टुगेदर कहा जा सकता है. इस बैठक के संबंध में विपक्षी दलों के बीच से ही प्रस्ताव आना शुरू हो गया है.
सीपीआई के सांसद डी राजा ने बताया कि विपक्षी दल चुनाव खत्म होने के बाद अनौपचारिक रूप से बैठकर चुनाव के बाद की संभावित परिस्थितियों को लेकर चर्चा करेंगे जो कि एक सामान्य बात है. यह कोई औपचारिक बैठक नहीं है.
सूत्रों ने यह भी बताया है कि इस बैठक में प्रधानमंत्री के पद को लेकर कोई चर्चा नहीं होगी लेकिन नतीजों के बाद जब सभी पार्टियों के पास सीटों की संख्या की एक फाइनल तस्वीर होगी, तब विपक्षी दल एक बार फिर दिल्ली में बैठकर औपचारिक चर्चा करेंगे. इस बैठक में सभी संभावनाओं पर विचार किया जा सकता है. हालांकि वैसे ही तस्वीर सामने तब आएगी जब एनडीए को पूर्ण बहुमत ना मिले.
फिलहाल इस बैठक की तारीख तय नहीं हुई है लेकिन अलग-अलग विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधि बैठक को लेकर प्रस्ताव रख रहे हैं. इस बैठक में शामिल होने वाले विपक्षी दलों को देख कर एक महागठबंधन का खाका भी आखिरी तौर पर सामने आएगा. जाहिर है अभी चुनाव के नतीजे नहीं आए लेकिन विपक्षी दल बड़े सपने लेकर बड़ी-बड़ी तैयारियों में जुट गए हैं.