लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी ने अपने 6 उम्मीदवार और घोषित कर दिए हैं. पार्टी ने आज जो दूसरी लिस्ट जारी की है उसमें छह प्रत्याशियों के नाम हैं. पहली लिस्ट में पार्टी ने 11 उम्मीदवारों के नाम का एलान किया था.
आज जो उम्मीदवार घोषित किए गए हैं-
शाहजहांपुर से अमर चंद्र जौहर
मिश्रिख से नीलू सत्यार्थी
फर्रुखाबाद से मनोज अग्रवाल
अकबरपुर से निशा सचान
जालौन से पंकज सिंह
हमीरपुर से दिलीप कुमार सिंह
अपनी पहली लिस्ट में पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा की थी-
सहारनपुर से हाजी फजलुर्रहमान, बिजनौर से मलूक नागर, नगीना से गिरीश चंद्र, अमरोहा से दानिश अली, मेरठ से हाजी याकूब, गौतमबुद्धनगर से सतबीर नागर, बुलंदशहर से योगेश वर्मा, अलीगढ़ से अजीत बालियान, आगरा से मनोज कुमार सोनी, फतेहपुर सीकरी से राजवीर सिंह, आंवला से रुचि वीरा.
जानिए इन प्रत्याशियों के बारे में-
सहारनपुर से हाजी फजलुर्रहमान के नाम का एलान किया गया है. हाजी फजलुर्रहमान बसपा के पुराने साथी हैं. सहारनपुर में गठबंधन उम्मीदवार हाजी फजलुर्रहमान का मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस से होगा. कांग्रेस ने इस सीट पर इमरान मसूद को उतारा है.
बिजनौर से मलूक नागर को टिकट देकर पार्टी ने गुर्जर वोटों को साधने का प्रयास किया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट और गुर्जर बिरादरी के लोग बड़ी संख्या में हैं. बिजनौर में भी गुर्जर वोट हार-जीत तय करने की स्थिति में हैं. मलूक नागर बीएसपी के पुराने साथी हैं. बिजनौर में मुस्लिम, एससी और ओबीसी वोट भी काफी हैं शायद इसीलिए पार्टी ने मलूक नागर पर दांव खेला है.
नगीना से पार्टी ने गिरीश चंद्र पर दांव लगाया है. गिरीश चंद्र भी बीएसपी के पुराने साथी हैं. वे 2014 में भी इसी सीट से चुनाव लड़े थे और तीसरे स्थान पर रहे थे. इस बार माना जा रहा था कि मायावती खुद नगीना सीट से मैदान में उतर सकती हैं लेकिन अब तय हो गया है कि गिरीश चंद्र ही नगीना सीट से पार्टी के उम्मीदवार होंगे.
बीएसपी ने अमरोहा सीट से दानिश अली को प्रत्याशी बनाया है. उन्होंने हाल ही में पार्टी की सदस्यता ली थी. वे इससे पहले जेडीएस से जुड़े हुए थे. वे मूल रूप से हापुड़ के रहने वाले हैं और राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. दानिश जामिया से पढ़े हैं और उनके पार्टी में शामिल होते ही साफ हो गया था कि वे यहां से उम्मीदवार होंगे. अमरोहा में 18 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होना है. 2014 के चुनाव में अमरोहा सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी.
मेरठ से बीएसपी ने हाजी याकूब कुरैशी पर दांव लगाया है. याकूब कुरैशी की छवि विवादित बयान देने वाले नेता की रही है. उन्होंने डेनमार्क के कार्टूनिस्ट का सिर काटने वाले को 51 करोड़ देने का एलान किया था. हाल ही में उनके बेटे ने बाउंसर्स के साथ मिल कर बाजार में बवाल किया था वहीं उनकी बेटी ने भी पिछले दिनों हंटर लेकर स्कूल में उत्पात मचाया था.
गौतमबुद्धनगर से सतबीर नागर को टिकट दिया गया है. सतबीर नागर बीएसपी के पुराने साथी हैं. गुर्जर वोटों में उनका खासा प्रभाव माना जाता है. गौतमबुद्धनगर सीट पर पार्टी किसी ऐसे उम्मीदवार को उतारना चाहती थी जो बीजेपी के महेश शर्मा को टक्कर दे सके. बीएसपी ने यहां दो बार अपने प्रभारी बदले और तीसरी बार में सतबीर को टिकट की घोषणा की.
बुलंदशहर से पार्टी ने योगेश वर्मा ने उतारा है. योगेश मेरठ के रहने वाले हैं और उनकी पत्नी मेरठ से मेयर हैं. योगेश हिंसा के एक मामले में पिछले दिनों जेल भी गए थे. हालांकि बाद में उन पर से रासुका भी हटाई गई थी और उन्हें रिहा भी कर दिया गया था. 2007 में मेरठ के हस्तिनापुर से योगेश विधायक भी रहे हैं.
अजीत बालियान को अलीगढ़ से टिकट दिया गया है. माना जा रहा है कि सोशल इंजीनियरिंग के तहत अजीत को टिकट दिया गया है. बीएसपी यहां से किसी जाट नेता को मैदान में उतारना चाहती थी क्योंकि अलीगढ़ में बड़ी संख्या में जाट वोट हैं. अलीगढ़ में मुस्लिम, एससी और ओबीसी मतदाता निर्णायक माने जाते हैं.
आगरा से मनोज कुमार सोनी को टिकट दिया गया है. 2014 में सोनी हाथरस से चुनाव लड़े थे और दूसरे स्थान पर रहे थे. इस बार उन्हें आगरा से मैदान में उतारा गया है. इस बात से बीएसपी के स्थानीय नेताओं में नाराजगी भी देखी गई थी. फतेहपुर सीकरी से राजवीर सिंह को टिकट दिया गया है. राजवीर ठाकुर बिरादरी के हैं और मार्बल का बिजनेस करते हैं. काफी वक्त से वो बीएसपी के साथ जुड़े हुए हैं.
आंवला से रुचि वीरा को लोकसभा उम्मीदवार बनाया गया है. वे पहले समाजवादी पार्टी में थीं. बीएसपी में आने के बाद वो बिजनौर सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं. लेकिन पार्टी ने उन्हें आंवला से मैदान में उतारा है. उनके पति उदयन वीरा जिला पंचायत अध्यक्ष रहे हैं.