दिल्ली के शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को आज (3 अप्रैल 2024) राउज एवेन्यू कोर्ट से सशर्त जमानत मिली। अदालत ने उन्हें 2 लाख रुपए के निजी मुचलके पर बेल दी जिसे उनकी पत्नी ने भरा।
संजय सिंह ने बहुत अपील की कि उन्हें दिल्ली एनसीआर से बाहर जाने से न रोका जाए क्योंकि चुनाव का समय है। हालाँकि फिर भी कोर्ट द्वारा उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया। इस दौरान संजय सिंह के वकील लगातार समझाते रहे कि वो सांसद हैं और देश छोड़कर विदेश नहीं जाएँगे।
Delhi Excise policy case: Counsel for AAP MP Sanjay Singh said that he is an MP and there is no flight risk.
Special counsel for ED said that there is a condition by the Supreme Court that Sanjay Singh will not speak to the media regarding this case.
— ANI (@ANI) April 3, 2024
कोर्ट ने पासपोर्ट जब्ती के अलावा संजय सिंह पर कुछ शर्ते और लगाईं। जैसे उन्हें साफ-साफ कहा गया कि वह सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश न करें। इसके अलावा जाँच में पूरा सहयोग दें। साथ ही मीडिया के सामने इन मामलों से जुड़ी सार्वजनिक बयानबाजी न की जाए। इसके अतिरिक्त उन्हें कहा गया कि अगर वह दिल्ली-एनसीआर से बाहर आते-जाते हैं तो उन्हें इसकी सूचना कोर्ट को देनी होगी। बिना अदालत के इजाजत के वो विदेश यात्रा भी नहीं कर सकते इसीलिए उनका पासपोर्ट जब्त हुआ है। कोर्ट ने कहा कि संजय सिंह जहाँ भी जाएँगे उन्हें जाँच अधिकारी को गूगल लोकेशन देनी होगी। इस दौरान वह अपना फोन नंबर नहीं बदल सकते हैं। वह केस से जुड़े भी कोई मीडिया में बयान नहीं देंगे।
6 महीने बाद मिली जमानत
गौरतलब है कि संजय सिंह को शराब घोटाले मामले में पिछले वर्ष अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 6 माह जेल में बिताने के बाद उन्हें हाल में जमानत मिली है। हालाँकि अभी संजय सिंह जेल से रिहा नहीं हुए हैं। उन्हें लिवर सिरोसिस नाम की बीमारी है।
24 घंटे पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहाँ उनकी बायोप्सी हुई। अगर कुछ गंभीर नहीं पाया गया तो उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। इसके बाद उन्हें जेल भेजा जाएगा और जेल में जैसे ही कोर्ट का रिहाई आदेश पहुँचेगा। उसके बाद उन्हें जेल से रिहा किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता संजय सिंह को दिल्ली शराब घोटाले मामले में मंगलवार को जमानत की अनुमति दी थी। मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना, दीपांकर दत्ता और प्रसन्ना बी वारले ने की थी। इस दौरान ईडी ने संजय सिंह की जमानत का विरोध नहीं किया। वहीं जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने पहले मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए आदेश पारित किया कि संजय सिंह जमानत की अवधि के दौरान राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के हकदार होंगे। केस के बारे में कोई बात नहीं होगी।
इस सब दलीलों के बाद कोर्ट ने निर्णय लिया कि संजय सिंह को जमानत दी जाती है। इससे पहले 22 दिसंबर को दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने उनकी बेल को खारिज किया था। उसके बाद 9 फरवरी को हाईकोर्ट ने उनको देने से मना किया था।
मालूम हो कि संजय सिंह की गिरफ्तार झशराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपित हैं। उनपर शराब घोटाले से उपजी अपराध की आय को वैध बनाने का आरोप लगा है। ईडी का कहना था कि संजय सिंह घोटाले से आई अपराध की आय को ठिकाने लगाने में शामिल थे।