अरविंद केजरीवाल को राहत मिलेगी या उनकी मुश्किलें जारी रहेंगी, यह फैसला दिल्ली हाई कोर्ट में कुछ दी देर में हो सकता है। आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद आज हाई कोर्ट में केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई चल रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री की तरफ से दलीलें पेश की गई हैं। लंच के लिए सुनवाई रोकी गई है। लंच के बाद ईडी के वकील अपनी दलीलें पेश करेंगे। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, जिस पर आज फैसला आने की उमा्मीद है।
जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की पीठ के अरविंद केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए तो ईडी का पक्ष एएसजी एसवी राजू रख रहे हैं। सिंघवी ने गवाहों और ईडी के बीच ‘मैच फिक्स’ होने का आरोप लगाते हुए एक बार फिर कोर्ट को बताया कि कैसे इन गवाहों के शुरुआती बयानों में केजरीवाल का नाम नहीं लिया गया था। सिंघवी ने आरोप लगाया कि ईडी ने दबाव डालकर बयान बदलवाए। उन्होंने गवाहों और आरोपियों के बयान बदलने और केजरीवाल का नाम लिए जाने के बाद राहत मिलने का जिक्र किया।
अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद गिरफ्तारी का असली मकसद अपमानित करने व केजरीवाल को चुनाव में शामिल होने से रोकना और अक्षम बनाना है। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि उनकी गिरफ्तारी के समय से यह सुनिश्चित हो गया कि वह आगामी चुनाव में भाग नहीं ले सकेंगे।
सिंघवी ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव में प्रचार से रोकन के लिए केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है। सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ पीएमएलए की धारा 50 के तहत कोई सामग्री नहीं है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को पहली बार 30 अक्टूबर को समन भेजा गया जबकि नौवां समन 16 मार्च को भेजा गया। उन्होंने पूछा कि आखिर गिरफ्तारी की ऐसी क्या अर्जेंसी थी। सिंघवी ने कहा कि पहले और आखिरी समन के बीच छह महीने बीत गए। उन्होंने कहा कि बिना किसी जांच, बयान और सबूत के गिरफ्तार कर लिया गया। केजरीवाल की ओर से सिंघवी ने बताया कि उनके मुवक्किल समन पर इसलिए हाजिर नहीं हुए क्योंकि से अवैध थे।
ईडी ने मंगलवार को हाई कोर्ट से कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ‘शराब घोटाले’ के ‘सरगना’ और ‘षडयंत्रकारी’ हैं और इसके पास उपलब्ध सामग्री के आधार पर यह मानने के कारण हैं कि वह मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के दोषी हैं। केजरीवाल की याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने आम आदमी पार्टी पर भी आरोप लगाया और कहा कि राजनीतिक दल अपराध की आय का ‘प्रमुख लाभार्थी’ था। ईडी ने कहा कि केजरीवाल के माध्यम से अपराध किया गया है।
ईडी ने कहा कि आप ने केजरीवाल के माध्यम से धनशोधन का अपराध किया है और इस तरह यह अपराध पीएमएलए, 2002 की धारा 70 के दायरे में आता है। ईडी ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी दिल्ली आबकारी घोटाले में अर्जित अपराध की आय की प्रमुख लाभार्थी है। अरविंद केजरीवाल आप की प्रमुख गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। जैसा कि गवाहों के बयान से स्पष्ट होता है कि वह पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और नीति बनाने के निर्णयों में भी शामिल थे।’
अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 10 दिनों की ईडी रिमांड के बाद केजरीवाल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। गिरफ्तारी के तुरंत बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया गया था, लेकिन सुनवाई से पहले याचिका वापस ले ली गई थी। गिरफ्तारी से पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल को राहत देने से इनकार किया था।