नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीआर) से शुक्रवार को उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ एक दलित बच्ची की कथित रूप से पहचान उजागर करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब एक दिन पहले ही राहुल गांधी को एक केस में सूरत की अदालत ने दो साल की सजा सुनाई और शुक्रवार को उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई।
इससे पहले, एनसीपीसीआर के वकील ने कहा कि उन्हें एक औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है और उच्च न्यायालय से याचिका पर बाल अधिकार निकाय को नोटिस जारी करने का आग्रह किया ताकि वह हलफनामा दायर कर सके। एनसीपीसीआर ने पीठ से कहा कि गांधी के कथित ट्वीट को हटाने के ‘ट्विटर’ के दावे के बावजूद बलात्कार के मामले में किसी पीड़िता की पहचान उजागर करने के अपराध का मामला बनता है।
‘ट्विटर’ के वकील ने बताया कि शुरू में गांधी के खाते को सोशल मीडिया मंच द्वारा निलंबित कर दिया गया था, लेकिन बाद में इसे बहाल कर दिया गया। गौरतलब है कि नौ वर्षीय दलित बच्ची की एक अगस्त 2021 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। बच्ची के माता-पिता का आरोप है कि उसका बलात्कार कर हत्या कर दी और दक्षिण पश्चिम दिल्ली के ओल्ड नंगल गांव के श्मशान घाट में कर्मकांड कराने वाले व्यक्ति ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।