आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान भले ही आतंक को बढ़ावा देने की बात को नकारता है लेकिन अब उसकी सारी पोल खुल गई है। ये तो पूरी दुनिया ही जानती है कि पाकिस्तान आतंकियों का सबसे सटीक ठिकाना है, जहां पर आतंकी साजिशें रची जाती हैं। दूसरी तरफ अब तालिबान प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा कि तालिबान पाकिस्तान को अपना दूसरा घर मानता है और अफगानिस्तान की धरती पर ऐसी किसी भी गतिविधि की इजाजत नहीं देगा, जो पाकिस्तान के हितों के खिलाफ हो।
अफगानिस्तान में तालिबान के आतंक से तबाही मची हुई हैं। ऐसे में तालिबान की तरफ से पाकिस्तान को लेकर कहीं गई ये बात किसी नई साजिश के रचने का संकेत दे रही है। जिससे भारत को भी पहले से काफी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
बता दें, इससे पहले तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने भारत को जरूरी देश करार देते हुए अच्छे रिश्ते बनाने की इच्छा जाहिर की थी। जिसमें जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि हमने शांति और सामान्य स्थिति बहाल करते हुए सभी क्षेत्रों पर नियंत्रण कर लिया है। ऐसे में अब पाकिस्तान को लेकर इस तरह की बयानबाजी ने तालिबान के इरादों पर से परदा हटा दिया है।
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद काबुल सहित कई अन्य शहरों के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। वहां पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों की स्थिति बहुत ही दर्दनाक हैं। तालिबानियों के आतंक से महिलाओं में सिर्फ अफगानिस्तान छोड़कर जाने की होड़ लगी हुई है।
अलकायदा का खतरा
आगे जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ओसामा बिन लादेन 9/11 के हमलों में शामिल था। 20 साल के युद्ध के बाद भी कोई सबूत मौजूद नहीं है। तालिबान की वापसी के बाद आतंकी संगठन अलकायदा के फिर उभरने का खतरा मंडराने लगा है।
सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, अलकायदा (एक्यूआईएस) ने एक बयान जारी करते हुए तालिबान को बधाई दी है। जिसमें अलकायदा ने अपने बयान में अमेरिका को आक्रमणकारी और अफगान सरकार को उनका सहयोगी बताया है।
वहीं कई विशेषज्ञों का कहना है, घरेलू उग्रवाद के साथ-साथ रूस और चीन के साइबर हमलों से जूझ रहे अमेरिका के लिए यह बड़ी परेशानियों का बहुत बड़ा कारण बन सकता है।