लखनऊ। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन सभी लोगों पर निशाना साधा है जो पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते थे। लखनऊ विधानसभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग पहले अयोध्या में झांकते तक नहीं थे वे आज चिल्ला रहे हैं कि राम हमारे हैं। उन्होंने कहा कि “आज जब लगता है कि समाज माफ नहीं करने वाला है तो सब लोग दण्डवत होकर कहते हैं कि हम लोग भी राम-कृष्ण के भक्त हैं, यह हमारी विचारधारा की जीत है।”
योगी आदित्यनाथ यहीं नहीं रुके और कहा कि जो लोग पूर्व में सत्ता में थे, वे कुंभ के लिए कुछ अच्छा कर सकते थे, लेेकिन कुंभ के लिए कुछ करते तो टोपी लगाकर मुकारकबाद कैसे देते? अब टोपियां गायब हो गई हैं। योगी ने आगे कहा कि, “जो लोग मथुरा और ब्रज क्षेत्र में कंस की प्रतिमा लगाने का दावा करते थे, जिनके लिए भगवान राम और भगवान कृष्ण साम्प्रदायिक होते थे वे अब दण्डवत होकर कह रहे हैं कि हम भी राम भक्त हैं।”
कुंभ आयोजन को लेकर योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रयागराज का 10 हजार से अधिक वर्षों का लिखित इतिहास है, दुनयिा का पहला गुरुकुल जिस प्रयागराज में स्थापित हुआ था। बहुत सारे लोगों को अवसर मिला था कुंभ का आयोजन करने का, प्रदेश में सत्ता में रहने का, कुछ लोगों को दशकों तक मिला और बार बार मौका मिला। लेकिन सोच नहीं थी, उन लोगों को लगता था अगर हम कुंभ के आयोजन के लिए कुछ कर लेंगे तो फिर टोपी लगाकर मुकाबकबाद नहीं दे पाएंगे। आज ये टोपियां उतर गई हैं सबकी”
योगी आदित्यनाथ ने देश में तालिबान का समर्थन करने वालों पर भी निशाना साधा और कहा, “यहां तालिबान का समर्थन कर रहे हैं कुछ लोग, महिलाओं के साथ क्या क्रूरता बरती जा रही है वहां पर, बच्चों के साथ क्या क्रूरता बरती जा रही है, लेकिन कुछ लोग बेशर्मी के साथ तालिबान का समर्थन करने जा रहे हैं, वे तालिबानीकरण करना चाह रहे हैं, ऐसे सभी चेहरे समाज के सामने एक्सपोज करने चाहिए।”
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर के मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी चुनावों में भुना सकती है। लंबे समय से अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा भारतीय जनता पार्टी के चुनावी एजेंडे पर रहा है, पहले जब मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आया था तो भाजपा विरोधी दल भाजपा पर यह कहकर निशाना साधते थे कि BJP राम मंदिर बनाने की बात कहती है लेकिन मंदिर कब बनेगा इसको लेकर कुछ नहीं बताती।
अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले कुछ राजनीतिक दलों ने यह भी कहा था कि रामजन्मभूमि पर मंदिर या मस्जिद नहीं बल्कि कोई स्कूल या अस्पताल बना देना चाहिए।