अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा करने के बाद वहां तालिबान का खौफ नजर आ रहा है। देश छोड़ने के लिए एयरपोर्ट से लेकर हर जगह भगदड़ मची है। तालिबान के खौफ से पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों ने वर्दी उतार दी है। वे अपने घर छोड़कर अंडरग्राउंड हो गए हैं। तालिबान ने कर्मचारियों, पुलिस और सैन्य अफसरों, पत्रकारों और विदेशी एनजीओ से जुड़े लोगों की तलाश में डोर-टू-डोर सर्च शुरू कर दिया है। काबुल में अफगान सुरक्षाबलों के अब दस्ते नहीं बचे हैं।
काबुल एयरपोर्ट फिर से खोला गया, अमेरिका कर रहा ऑपरेट
काबुल एयरपोर्ट पर सोमवार को अमेरिकी प्लेन से लटककर भागने के दौरान 7 लोगों की गिरकर मौत हो गई। वहीं अमेरिकी सैनिकों ने काबुल एयरपोर्ट पर दो हथियारबंद लोगों को मार गिराया। इन हालातों को देखते हुए सभी सैन्य और कमर्शियल विमानों को रोका दिया गया था, लेकिन 1000 अमेरिकी सैनिकों के पहुंचने पर देर रात एयरपोर्ट फिर से खोल दिया गया। अब अमेरिकी सैनिक ही उड़ानों का मैनेजमेंट संभाल रहे हैं।
एयरपोर्ट पर 6 हजार सैनिक तैनात करेगा अमेरिका
अमेरिका ने कहा है कि वह एयरपोर्ट पर अपने 6 हजार सैनिक तैनात करेगा, ताकि नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। अभी काबुल एयरपोर्ट पर भगदड़ जैसे हालात हैं। देश छोड़ने के लिए लोग हजारों की तादाद में वहां जमा हो गए हैं। कई ऐसे भी हैं जो बिना कोई सामान लिए एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र की बैठक में आज अफगानिस्तान पर होगी चर्चा
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर आज अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भी चर्चा होगी। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस मीटिंग में शामिल होंगे। उन्होंने कहा है कि सुरक्षा परिषद की बैठक में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को लेकर चर्चा की उम्मीद है। इस बैठक से पहले जयशंकर की अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन से भी बात हुई है।
तालिबानी फरमान नहीं मानने वालों को कड़ी सजा
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में भारी तबाही, औरतों की बंदिशें और कत्ले आम वाला दौर फिर लौट आया है। तालिबान ने महिलाओं पर पाबंदियां लगानी शुरू कर दी हैं। लड़कियों के पढ़ने-लिखे, स्कूल-कॉलेज जाने और महिलाओं के दफ्तर जाने पर रोक लगा दी है। बिना पुरुष के घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है। औरतों का बुर्का पहनना जरूरी कर दिया गया है। तालिबान का फरमान नहीं मानने पर कड़ी सजा भी दी जा रही है।
काबुल एयरपोर्ट पर सोमवार को एक चौंकाने वाली खबर सामने आई। भास्कर को सूत्रों ने बताया कि एयरपोर्ट के नजदीक कई ऐसी महिलाओं को गोली मार दी गई, जिन्होंने हिजाब नहीं पहना था। हालांकि, तालिबान के एक सूत्र ने इस खबर को गलत बताया है। उसने कहा कि ये अफवाहें तालिबान को बदनाम करने के लिए उड़ाई जा रही हैं।
दुनिया की सबसे स्टाइलिश औरतें बुर्का पहनने को मजबूर
अफगानिस्तान की महिलाएं आजादी मांग रही हैं और अपना दर्द साझा कर रही हैं। अफगानिस्तान की फैशन फोटोग्राफर फातिमा कहती हैं कि अफगानी महिलाएं दुनिया की सबसे स्टाइलिश औरतों में से मानी जाती हैं, लेकिन तालिबान के लौटने से उन्हें फिर से बुर्के में लौटना पड़ रहा है। 22 साल की आयशा काबुल यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस का कोर्स कर रही हैं। वे कहती हैं, ‘मेरे फाइनल सेमेस्टर पूरा होने में महज दो महीने ही बाकी रह गए हैं, लेकिन अब शायद मैं कभी ग्रेजुएट नहीं हो पाऊंगी।’
यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली 26 साल की हबीबा कहती हैं कि तालिबान ने स्कूल-कॉलेज बंद करवा दिए हैं, लेकिन बुर्के की दुकानें खुल रही हैं। इनमें भी मोटे कपड़े वाले ऐसे बुर्के की मांग सबसे ज्यादा है, जो महिलाओं को पूरी तरह ढंक देता हो। मेरी मां मिन्नतें कर रही हैं कि मैं और मेरी बहन बुर्का पहनना शुरू कर दें। मां को लगता है कि वे हमें बुर्का पहनाकर तालिबान से बचा लेंगी,लेकिन हमारे घर में बुर्का है ही नहीं और न ही मैं बुर्का खरीदना चाहती हूं। बुर्का पहनने का मतलब होगा कि मैंने तालिबान की सत्ता को स्वीकार कर लिया है कि मैंने उन्हें खुद को कंट्रोल करने का अधिकार दे दिया है। मुझे डर है कि जिन उपलब्धियों के लिए मैंने इतनी मेहनत की वो सब मुझसे छिन जाएंगी।
भारतीय वायु सेना का एक विमान अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को लेकर लौटा
सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारतीय वायु सेना का एक C17 ग्लोबमास्टर अपने नागरिकों को लेकर सोमवार दोपहर में ही काबुल से भारत लौट आया है। अभी और भी विमान हैं जो भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट कर के ला रहे हैं।
अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएगा भारत: विदेश मंत्रालय
अफगानिस्तान की घटना पर विदेश मंत्रालय का बयान आया है। भारत ने कहा है कि हम अफगानिस्तान की घटना पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे। हम जानते हैं कि अफगानिस्तान में कुछ भारतीय नागरिक हैं जो वापस लौटना चाहते हैं और हम उनके संपर्क में हैं।
हम हर भारतीय से अपील करते हैं कि वे फौरन भारत लौंटे। हम अफगान सिख, हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों से भी लगातार संपर्क में हैं, जो लोग अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं उन्हें भारत लाने की पूरी सुविधा दी जाएगी।