नई दिल्ली। मेडिकल की पढ़ाई के इच्छुक छात्रों के लिए अहम आदेश जारी किया गया है. इसमें अन्य पिछड़ी जातियों (OBC) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए आरक्षण (medical courses reservation) लागू करने का ऐलान हुआ है. इसमें अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल/डेंटल कोर्स (MBBS / MD / MS / Diploma / BDS / MDS) के लिए OBC को 27 फीसदी और EWS कोटे वाले को 10 फीसदी का रिजर्वेशन मिलेगा. इसका फायदा ऑल इंडिया कोटा स्कीम (AIQ) के तहत किसी भी राज्य सरकार द्वारा संचालित संस्थान से लिया जा सकेगा. केंद्र के संस्थानों में यह पहले से लागू है. यह स्कीम 2021-22 के सत्र से शुरू होगी.
जानकारी के मुताबिक, करीब 5,550 छात्रों को इसका फायदा मिलेगा.इससे हर साल 1500 OBC (MBBS में), 2500 OBC छात्र पोस्टग्रेजुएशन में फायदा होगा. वहीं हर साल MBBS में 550 EWS और पोस्टग्रेजुएशन में 1000 EWS छात्रों को फायदा होगा. बता दें कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में मौजूद कुल सीटों में से UG (अंडरग्रेजुएट) की 15 फीसदी और PG (पोस्ट ग्रेजुएट) की 50 फीसदी सीटें ऑल इंडिया कोटा में आती हैं.
2007 तक AIQ के तहत कोई कोटा नहीं था. लेकिन फिर 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने SC को 15 फीसदी और ST के लिए 7.5 फीसदी के आरक्षण का निर्देश दिया था.
पीएम मोदी ने ली थी रिव्यू मीटिंग
केंद्र सरकार ने पहले ही पिछड़े वर्गों और EWS को आरक्षण का फायदा देने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की थी. बता दें कि सरकार 2019 में संवैधानिक संशोधन लाई थी, इसके बाद EWS कटेगिरी के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए आरक्षण देने की बात हुई थी. इसमें EWS को 10 फीसदी आरक्षण देने की बात थी. इसको लागू करने के लिए पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले ही रिव्यू मीटिंग भी की थी. ऑल इंडिया कोटा के तहत OBC को आरक्षण देने की मांग लंबे वक्त से उठ रही थी. पीएम मोदी ने 26 जुलाई को रिव्यू मीटिंग में इसका जल्द समाधान निकालने की बात कही थी.
बता दें कि NDA के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सांसदों के एक प्रतिनिधमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. उन्होंने भी अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा कोटे में ओबीसी और आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण लागू करने की मांग की थी.