लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की तमाम बड़ी परियोजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं और कुछ शुरू होने वाली हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश को सौगातें मिलने का सिलसिला शुरू हो चुका है, जो कि कुछ माह तक लगातार चलेगा। इस कड़ी में नौ नए मेडिकल कॉलेज और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे भी है, जिनका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होना है। हालांकि कुछ औपचारिकताएं बाकी रहने से मेडिकल कॉलेज की तरह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का भी उद्घाटन कुछ समय के लिए खिसक गया। मेडिकल कॉलेज तो नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की मान्यता मिलते ही चाहे जब करा दिया जाए, लेकिन एक्सप्रेस-वे के औपचारिक उद्घाटन में कुछ वक्त लग सकता है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले वर्ष होना है। अपनी तमाम बड़ी परियोजनाओं को सरकार जल्द पूरा कराना चाहती है। कतार में कुछ योजनाओं का शिलान्यास तो कुछ का लोकार्पण है। इनमें नौ नए मेडिकल कॉलेज देवरिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, हरदोई, जौनपुर, मीरजापुर, प्रतापगढ़ और सिद्धार्थनगर में बनकर तैयार हैं। इनका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 30 जुलाई को कराया जाना प्रस्तावित था, लेकिन एनएमसी की औपचारिकता पूरी न होने की वजह से इसे स्थगित करना पड़ा। हालांकि, प्रक्रिया चल रही है और मान्यता मिलते ही अगस्त में उद्घाटन कराया जाना तय माना जा रहा है।
ये परियोजनाएं भी कतार में
- गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास
- जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास
- हर घर जल योजना का लोकार्पण
- बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण
ये होंगी बड़ी सौगातें——
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
- कहां से कहां तक : लखनऊ के चांदसराय से गाजीपुर के हैदरिया गांव तक
- कुल लंबाई : 340.824 किलोमीटर
- लाभान्वित होंगे जिले : लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर
- कुल अनुमानित लागत : 23,349 करोड़ रुपये
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
- कहां से कहां तक : चित्रकूट से इटावा-बेवर मार्ग के पास कुदरैल गांव में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे तक
- कुल लंबाई : 296.264 किलोमीटर
- लाभान्वित होंगे जिले : चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा
- कुल अनुमानित लागत : 14,627.20 करोड़ रुपये
गंगा एक्सप्रेस-वे
- कहां से कहां तक : प्रयागराज से मेरठ
- कुल लंबाई : 594 किलोमीटर
- लाभान्वित होंगे जिले : मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज
- कुल अनुमानित लागत : 36,230 करोड़ रुपये