कानपुर। कानपुर शूटआउट के मास्टरमाइंड विकास दुबे की गिरफ्तारी या सरेंडर की गुत्थी उलझती जा रही है. जानकारी मिली है कि कल रात साढ़े दस बजे के आसपास उज्जैन के डीएम आशीष सिंह और एसएसपी मनोज कुमार भारी हड़बड़ाहट में उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचे थे. सवाल उठ रहा है कि क्या इसका विकास की गिरफ्तारी से कोई संबंध है?
इस बीच खबर है कि उज्जैन पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. इसमें एक स्थानीय नागरिक है. सूत्रों ने बताया कि विकास दुबे ने दो वकीलों से मुलाकात की थी और इन्हीं ने विकास दुबे को उज्जैन पहुंचाने में मदद की थी. इन्हीं दोनों वकीलों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
उज्जैन पुलिस ने किया है गिरफ्तारी का दावा
उज्जैन के डीएम आशीष सिंह ने आजतक से बातचीत करते हुए दावा किया कि विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया है. मंदिर के दुकानदार ने विकास की पहचान की और इसके बाद गार्ड ने भी उसकी शिनाख्त की, फिर उसे पकड़ लिया. बाद में स्थानीय पुलिस ने विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया.
दावे से उलट है आजतक को मिली जानकारी
आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक, विकास दुबे सुबह महाकाल मंदिर पहुंचा. उसने पर्ची कटाई और दर्शन किया. फिर उसने गार्ड से कहा कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला. गार्ड ने पुलिस को सूचना दी. तब तक विकास दुबे वही मौजूद रहा. पुलिस आई और विकास दुबे को गिरफ्तार करके ले गई.
क्यों उठ रहा है गिरफ्तारी पर सवाल
सवाल उठ रहा है कि जिस विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस की 50 से अधिक टीमें पिछले 6 दिन से तलाश कर रही थी, उसे महाकाल मंदिर के गार्ड ने कैसे पकड़ लिया. जानकारों के मुताबिक, विकास दुबे ने प्लान बनाकर सरेंडर किया, ताकि उत्तर प्रदेश उसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई न कर पाए.
कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
विकास दुबे की गिरफ्तारी और सरेंडर की गुत्थी के बीच कांग्रेस ने बड़ा आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है, ‘आप Chronology से जुड़े कुछ तथ्य समझिए, विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार हुआ, नरोत्तम मिश्रा मध्यप्रदेश के गृह मंत्री हैं, नरोत्तम मिश्रा उज्जैन के प्रभारी मंत्री हैं, नरोत्तम मिश्रा कानपुर चुनाव में प्रभारी थे, विकास दुबे कानपुर का रहने वाला है.’