कानपुर। उज्जैन के महाकाल मंदिर से कानपुर कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि विकास दुबे जिस गाड़ी के जरिए उज्जैन पहुंचा था, वह गाड़ी लखनऊ के इंदिरा नगर में रहने वाले मनोज यादव के नाम से दर्ज है. इस कार को 2019 में खरीदा गया है.
जब विकास दुबे पकड़ा गया तो उसके पास एक बैग था. सूत्रों के मुताबिक बैग में कुछ कपड़े, एक मोबाइल, उसका चार्जर और कुछ कागजात है. ये मोबाइल विकास का ही था. इसी मोबाइल से विकास दुबे ने कई लोगों से संपर्क किया था. सम्पर्क करने के बाद विकास फोन ऑफ कर लेता था और फिर फौरन अपनी जगह बदल लेता था.
हिरासत में लिए गए तीन लोग
इस बीच खबर है कि उज्जैन पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. इसमें एक स्थानीय नागरिक है. सूत्रों ने बताया कि विकास दुबे ने दो वकीलों से मुलाकात की थी और इन्हीं ने विकास दुबे को उज्जैन पहुंचाने में मदद की थी. इन्हीं दोनों वकीलों और एक स्थानीय नागरिक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
फिल्मी अंदाज में हुई गिरफ्तारी
2 जुलाई की रात को कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के 6 दिन बाद विकास दुबे की जिस तरह से गिरफ्तारी हुई है वो कम फिल्मी नहीं है. इस गिरफ्तारी से कई सवाल भी उठे हैं. ऐसा लग रहा है कि ये गिरफ्तारी महज इत्तेफाक नहीं है, बल्कि इसके पीछे विकास दुबे और उसके आकाओं की सोची-समझी चाल है.