नई दिल्ली। कोरोना संकट पर विपक्ष के नेताओं की एक बड़ी बैठक शुक्रवार को 3 बजे होगी. इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी नेता शरद पवार, डीएमके नेता एमके स्टालिन समेत 18 राजनीतिक दलों के नेता हिस्सा लेंगे.
विपक्ष की इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी. कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद और एके एंटनी भी बैठक का हिस्सा होंगे. तृणमूल कांग्रेस की ओर से बैठक में डेरेक ओ ब्रायन भी होंगे. हालांकि ममता बनर्जी कुछ देर बाद बैठक में हिस्सा लेंगी. बता दें कि ममता बनर्जी कल पीएम मोदी के साथ बंगाल में तूफान प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगी.
माना जा रहा है कि इस बैठक में कोरोना और लॉकडाउन को लेकर मोदी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में बात होगी और सरकार की ओर से राज्य सरकारों के साथ किए जा रहे बर्ताव पर चर्चा की जाएगी.
बैठक में राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के अध्यक्ष अजित सिंह, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सीताराम येचुरी जैसे नेता भी होंगे. इसके अलावा जनता दल (सेक्युलर) से एचडी देवगौड़ा और नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारुख अब्दुल्ला या उमर अब्दुल्ला में से कोई एक शामिल हो सकता है. हालांकि इस बैठक में आम आदमी पार्टी की ओर से कोई शामिल नहीं होगा. आप के सूत्रों के मुताबिक, उन्हें इस बैठक के लिए निमंत्रण नहीं मिला.
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा था कि ऐसे वक्त में केंद्र को राजनीति नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्य अच्छा काम कर रहा है.
इससे पहले 26 अप्रैल को सीएम उद्धव ठाकरे ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि हमने केंद्र से दाल मांगी, क्योंकि हम अपने राज्य में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लोगों को अनाज देते हैं, लेकिन हमारे पास सिर्फ चावल है. इसलिए हमने दाल और गेहूं की मांग की है जो हमें अब तक नहीं मिली. मुझे लगता है कि दाल में कुछ काला है लेकिन दाल तो आने दो.