शेखर पण्डित
लखनऊ। मुंबई के बांद्रा में मस्जिद के पास मंगलवार को लॉकडाउन के बावजूद सैकड़ों लोग जुट गए। इस मामले में मुंबई पुलिस ने विनय दुबे को गिरफ्तार किया है। उस पर प्रवासी श्रमिकों को उकसाने का आरोप है। अब दुबे के तार शरद पवार की एनसीपी से जुड़ रहे हैं। वह महाराष्ट्र के गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख तथा मनसे प्रमुख राज ठाकरे का करीबी बताया जाता है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एनसीपी के टिकट पर उसने 2012 में विधानसभा का चुनाव वाराणसी उत्तरी सीट से लड़ा था। चुनाव के बाद वह पार्टी से अलग हो गया, लेकिन कई नेताओं से करीबी बरकरार रही। 2019 में उसने लोकसभा का चुनाव मुंबई से ही निर्दलीय लड़ा था। खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाला दुबे उत्तर भारतीय महापंचायत नाम से एक संगठन चलाता है। फेसबुक पर उसके 2,18,573 फॉलोवर्स है।
मूल रूप से दुबे यूपी के भदोही का रहने वाला है। उसके पिता जटाशंकर दुबे ऑटो चलाते हैं। हाल ही में कोरोना से लड़ने के लिए उन्होंने अपनी बचत में से 25 हजार रुपया मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया था। इसका चेक उन्होंने देशमुख को सौंपा था। राज्य के गृह मंत्री देशमुख ने 10 अप्रैल को बकायदा ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी।
From 11 April, this Person publicaly threatening foot March,gave explosive interviews.Still @MumbaiPolice not stopped him. Who tied their hands? Is this because Dubey was @NCPspeaks Varanasi candidate in 2012? @BJP4Maharashtra@Shehzad_Ind @TajinderBaggahttps://www.freepressjournal.in/mumbai/who-is-vinay-dubey-the-man-that-threatened-a-foot-march-from-mumbai-to-north-india-if-train-services-werent-resumed …
Who is Vinay Dubey, the man that threatened a foot march from Mumbai to North India if train…
freepressjournal.in
13 अप्रैल को दुबे ने प्रवासी श्रमिकों के घर लौटने के लिए ट्रेन सेवा बहाल नहीं करने पर सरकार को चेताया था। उसने पोस्ट कर श्रमिकों को घर ले जाने के लिए 40 बसों की व्यवस्था करने का भी दावा किया था। इससे पहले एक वीडियो शेयर करते हुए उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लॉकडाउन को बगैर किसी योजना के लागू करने को लेकर आलोचना की थी। 11 अप्रैल को पोस्ट कर उसने कहा कि महाराष्ट्र में फॅंसे उत्तर भारतीय मजदूरों को उनके गॉंव तक पहुॅंचाने में उसे जेल भी जाना पड़े तो पीछे नहीं हटेगा। उसने 18 अप्रैल को श्रमिकों से फुट मार्च की अपील कर रखी थी।
परिवार ने बताया है कि वह राजनीति का शिकार हो रहा है। बांद्रा की इस भीड़ से उसका कोई लेना-देना नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, विनय के पिता जटाशंकर से जब संपर्क साधने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन अपने दूसरे बेटे निर्भय को दे दिया। निर्भय ने कहा कि हमारे भाई को राजनीति का शिकार बना दिया गया है।
विनय के छोटे भाई निर्भय के अनुसार, उन्होंने (विनय दुबे) जो पोस्ट की थी, उसमें 18 अप्रैल को पैदल निकलने की बात कही थी, जबकि यह भीड़ 15 को ही एकत्र हो गई। इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। बाद की पोस्ट को भी अगर देखा जाए तो वह पोस्ट शाम के चार बजे की गई है, जबकि बांद्रा में भीड़ सुबह 10 बजे से ही लगनी शुरू हो गई थी। उनके साथ राजनीति हो रही है।
Vinay Dubey who initiated ‘Chalo Apne Ghar’ works for Udhav and Home minister Anil Deshmukh Home minister of MH is close to him, still no watch was kept? No arrest for provoking?#MumbaiLockdown #BandraStation https://twitter.com/vishkanyaaaa/status/1250093892684247046 …
Dr. Vedika@vishkanyaaaaWhy no action was taken Against NCP leader Vinay Dubey for his Provocative video for Labourers to gather at Railway station on 18th April even when Lockdown release wasnt certain?@MumbaiPolice @Uppolice
पुलिस को धमकियाँ देने के अलावा विनय ने फेसबुक पर वीडियो डालकर महाराष्ट्र के प्रवासियों को सड़कों पर आने के लिए। पूरे देश के प्रवासियों से लॉकडाउन को खारिज करने की अपील की। उसने वीडियो में बार-बार दोहराया है कि भूख से मरने से अच्छा है कि कोरोना से मर जाया जाए।
After today’s Bandra incident, another person Vinay Dubey is provoking poor migrant labourers in Maharashtra to gather at Kurla Terminus on 18th of April.
What is his link with Maharashtra’s Home Minister Anil Deshmukh?
अपने वीडियोज़ में उसने जहाँ केंद्र व राज्य सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने की बात कही है, वहीं बालासाहेब ठाकरे के प्रति सम्मान भी जताया है। उसने महाराष्ट्र सीएम को अपनी माँगों पर ध्यान देने की नसीहत दी। उसने कहा कि अगर बालासाहेब ठाकरे जिंदा होते तो शिवसेना के लोग उनकी बातों पर ध्यान देते।
सोशल मीडिया पर जब हमने विनय की प्रोफाइल खँगाली तो राज ठाकरे के साथ भी उसकी तस्वीरें मिलीं। फेसबुक पर वह लगातार बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ जहर भी उगलता रहा है।
ऐसे में इस बात का जवाब विनय दुबे ही बेहतर दे सकता है कि उसने राजनीतिक हसरत पूरा करने के लिए ये सब किया या फिर किसी के इशारे पर वह ऐसा कर रहा था।