कर्नाटक। देशव्यापी बन्द के बीच कर्नाटक सरकार ने रमजान के दौरान मस्जिदों में पढ़ी जाने वाली 5 बार की सामूहिक नमाज पर रोक लगा दी है। नमाज प्रतिबंध पर राज्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, वक्फ और हज विभाग ने कहा है कि नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों के कर्मचारियों द्वारा किसी भी सार्वजनिक स्थान का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
दरअसल, देशव्यापी बन्द के बीच ही 23 अप्रैल-23 मई तक मुस्लिम समाज का एक बड़ा पर्व रमजान (Ramadan) आने वाला है। इसी वजह से कर्नाटक सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा रमजान के दौरान दावत-ए-सहरी और इफ्तार पार्टी पर भी पूरी तरह से सरकार द्वारा प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। इसके अलावा अजान भी कम आवाज में होगी और लाउडस्पीकर पर भी रोक लगाई गई है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने भी 24 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान के महीने के लिए भारतीय मुसलमानों से अपील की है कि लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों एवं सोशल डिस्टेंन्सिंग का पूरी ईमानदारी से पालन करें। साथ ही इस दौरान अपने-अपने घरों पर ही नमाज पढ़ें और नमाज प्रतिबंध आदि का पालन करें।
No arrangements of Dawat-e-Sahri or Iftar shall be organized during #Ramzan, in view of #COVID19 pandemic: Karnataka Minority Welfare, Waqf & Hajj Department https://twitter.com/ANI/status/1250705155369996288 …
ANI✔@ANI
No public shall be allowed to perform five-time congregational prayers in mosques, across Karnataka, during #Ramzan, in view of #COVID19 pandemic. No public address system to be used by the staff of mosques for offering namaz: State Minority Welfare, Waqf & Hajj Department
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में पिछले 12 घंटे के अंदर 34 नए केस आए हैं। अब तक प्रदेश में 313 लोगों के अंदर संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसमें से 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 82 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं।
यह भी देखा गया है कि देशभर में लोगों ने सामूहिक नमाज पढ़ने के लिए कई बार लॉकडाउन के नियमों का उलंघन किया है। जिस कारण आने वाला रमजान का महीना चिंता का विषय बन गया है।