नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने मंगलवार जम्मू कश्मीर में जारी पाबंदियां को लेकर बयान जारी किया है. गृहमंत्रालय ने जम्मू् कश्मीर में चरणबद्ध तरीके से पाबंदियों को हटाया जाएगा. गृह मंत्रालय ने कहा कि संबंधित स्थानीय अधिकारियों के मूल्यांकन के बाद ही इस बारे में फैसला किया जाएगा.
गृहमंत्रालय की प्रवक्ता ने एक ट्वीट जारी कर कहा है, ‘ मेडिकल सुविधाएं बिना किसी रुकवाट के दी जा रही हैं. विभिन्न ओपीडी में 1350 मरीजों को इलाज किया गया है. घाटी के सभी अस्पतालों में सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई हैं.’
गृह मंत्रालय ने कहा कि नेशनल हाइवे पर सामन्य रूप से वाहनों की आवाजाही जारी है. एलपीजी और दूसरी जरूरी चीजों को ले जाने वाले 100 भारी वाहन रोज यहां से गुजर रहे हैं. घाटी से उड़ाने सामान्य रूप से जारी है.
Spokesperson, Ministry of Home Affairs✔@PIBHomeAffairs
The restrictions in #JammuKashmir are being eased out in a phased manner in the Valley and the situation in the Jammu division has been restored after assessment by relevant local authorities. (1/4)@diprjk @JmuKmrPolice
Medical services are being provided to ppl without any hindrance
OPDs have been given requisite medical treatment to 13500 patients.
Availability of all drugs,inc life saving drugs, hv been ensured in every hospital across the Valley. (2/4)#JammuKashmir@diprjk@JmuKmrPolice
जम्म-कश्मीर में रातों-रात हालात सामान्य नहीं हो सकते : सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार को कश्मीर घाटी में सामान्य स्थित बहाल करने के लिए समय चाहिए क्योंकि कुछ भी एक रात में नहीं किया जा सकता.
फिलहाल, अदालत ने कांग्रेस नेता तेहसीन पूनावाला की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे दो सप्ताह के लिए टाल दिया है. कांग्रेस नेता तेहसीन पूनावाला ने केंद्र सरकार द्वारा जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों पर सवाल उठाते हुए याचिका दायर की थी.
न्यायालय ने इस बात पर जोर देकर कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और अदालत इस समय मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी. न्यायालय ने कहा घाटी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार को प्रयास जारी रखने दिए जाए.
केंद्र सरकार ने न्यायालय को भरोसा दिलाय कि कुछ ही दिनों में जल्द ही घाटी में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी. इसके साथ ही सरकार ने कहा कि 2016 में हुए उपद्रव में 47 लोग मारे गए थे लेकिन वर्तमान में एक भी व्यक्ति नहीं मारा गया है.