पटना। बिहार पुलिस की स्पेशल ब्रांच का एक आदेश बिहार की सियासत में भूचाल लेकर आया है । मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट तेज हो गई और ये इसकी आंच दिल्ली तक महसूस हो रही है । मामले में पुलिस अधिकारियों ने मौन साध लिया है । दरअसल मामला कुछ ऐसा है कि स्पेशल ब्रांच की ओर से आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों और उसके अधिकारियों की जानकारी इकठ्ठा करने का फरमान जारी किया गया है।
मई महीने में जारी हुआ आदेश
इस आदेश की एक कॉपी अब सार्वजनिक हो गई है । जिसके मुताबिक यह आदेश इस साल 28मई को स्पेशल ब्रांच द्वारा सभी क्षेत्रीय पुलिस उप-अधीक्षक, विशेष शाखा और सभी जिला विशेष शाखा के पदाधिकारियों को जारी किया गया है । इस आदेश में संगठनों के पदाधिकारियों के नाम और पते की जानकारी एक हफ्ते के अंदर देने को कहा गया है । इतना ही नहीं इस आदेश पत्र को ‘अति आवश्यक’ बताया गया है।
मांगी गई है ये जानकारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्पेशल ब्रांच की ओर से जारी इस आदेश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, धर्म जागरण समन्वय समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वेदशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी, हिंदू पुत्र संगठन के पदाधिकारियों का नाम और पता मांगा गया है।
जदयू नेताओं ने साधी चुप्पी
अब जब मामले की कॉपी सार्वजनिक हो गई है तो सब चुप्प्ी साधे बैठे हैं । बिहार के शिक्षा मंत्रीकृष्णनंदन प्रसाद वर्मा से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होने जानकारी ना होने की बात कहकर मामले को टाल दिया । वहीं बीजेपी नेता और राज्य में मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आरएसएस एक सामाजिक दायित्वों को निभाने वाला संगठन है । विपक्ष इस मामले को लेकर सत्ता पक्ष पर निशाना साध रही है ।