विश्व कप 2019 में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच दो दिनों तक चले पहले सेमीफाइनल मुकाबले में टीम इंडिया को आखिरकार 18 रनों की हार झेलनी पड़ी. पहले दिन बारिश की वजह से खेल पूरा नहीं हो पाया था, जिसके बाद मैच को रीजर्व डे पर पूरा कराने का फैसला लिया गया था. आज जब न्यूज़ीलैंड की टीम बल्लेबाज़ी करने आई तो उन्हें 23 गेंद खेलनी थी. उन्होंने इन बची हुई गेंदों पर 28 रन बना और भारत को 240 रनों का लक्ष्य मिला, लेकिन टीम इंडिया इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई और 49.3 ओवर में ही ऑल आउट हो गई.
टॉप 3 बल्लेबाज़ों ने बनाए महज़ तीन रन
भारत की पारी किसी बुरे सपने की तरह शुरू हुई. दूसरे ओवर की तीसरी गेंद पर वर्ल्ड कप में पांच शतक जड़ने वाले रोहित शर्मा महज़ एक रन बनाकर चलते बने. उनका विकेट मैट हेनरी ने लिया. रोहित के बाद कोहली आए और वो भी एक रन बनाकर ट्रेंट बोल्ट को विकेट देकर चलते बने. विकेटों का सिलसिला यही नहीं थमा. टीम के पांच रन ही पूरे हुए थे कि के एल राहुल भी एक रन पर अपना विकेट हेनरी को थमा बैठे.
मिडिल ऑर्डर का भी हाल बेहाल
तीन विकेट पांच रन पर खोने के बाद दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत के कंधों पर सारी ज़िम्मेदारी थी. लेकिन कार्तिक लगातार खाली गेंदे खेलने का दबाव झेल नहीं पाए और 25 गेंदों पर 5 रन बनाकर हेनरी को विकेट दे बैठे. 56 गेंद खेलने के बाद पंत भी अपनी पारी को लंबा नहीं खींच पाए और 32 रन बनाकर सैंटनर का शिकार हो गए. 23वें ओवर की पांचवी गेंद पर जब पंत आउट हुए उस वक्त भारत का स्कोर 71 रन था और उसके पांच बल्लेबाज़ पवेलियन में थे.
हार्दिक और धोनी ने जगाई आस लेकिन…
मिडिल ऑर्डर के दो बल्लेबाज़ों के फेल होने के बाद हार्दिक पांड्या और धोनी पर काफी कुछ ज़िम्मेदारी आ गई थी. दोनों बल्लेबाज़ ज़िम्मेदारी से खेले भी. हालांकि मैच जीत से बहुत दूर था. दोनों बल्लेबाज़ों ने 96 गेंदों पर शतकीय साझेदारी की. हालांकि धोनी इस दौरान धीमी बल्लेबाज़ी कर रहे थे, लेकिन जडेजा बेहतरीन लय में नज़र आए. उन्होंने अपनी पारी में 4 छक्के और 4 चौके जड़े. लेकिन जीत की दहलीज़ पर ले जाकर वो भी बोल्ट की गेंद को बाउंड्री से बाहर पहुंचाने के चक्कर में आउट हो गए. जडेजा ने 59 गेंदों पर 77 रनों की पारी खेली.
जडेजा के जाने के बाद भी फैंस धोनी की तरफ हसरत भरी निगाहों से देख रहे थे. दुनियाभर में भारतीय फैंस जीत कील दुआएं कर रहे थे. इस बीच धोनी ने भी मौके की नज़ाकत को समझते हुए 49वें ओवर की पहली गेंद पर फर्ग्यूसन को छक्का जड़ दिया. लेकिन इसी ओवर की तीसरी गेंद पर दो रन लेने की फिराक में धोनी रन आउट हो गए. महज़ कुछ इंच से वो पिच की लाइन से दूर रह गए. मार्टिन गुप्टिल की शानदार फील्डिंग से मैच का रुख बदला और धोनी के जाने के बाद टीम इंडिया की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई.
आखिरी नौ गेंदो पर टीम को 24 रन चाहिए थे और भारत के दो विकेट बचे थे. 49वें ओवर की आखिरी गेंद पर फर्ग्यूसन ने भुवनेश्वर को आउट किया. इसके बाद आखिरी ओवर में 23 रन बनाने की चाहत में तीसरी गेंद पर चहल विकेटकीपर लैथम को कैच दे बैठे और इस तरह भारत के विश्व विजेता बनने का ख्वाब चकनाचूर हो गया.