नई दिल्ली। देश के दो मशहूर वकील इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर के घर पर गुरुवार सुबह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने छापेमारी की है. ये छापेमारी उनके फाउंडेशन ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ पर विदेशी फंडिंग को लेकर चल रहे मामले में हुई है. CBI ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया था. जिसके बाद आज दिल्ली और मुंबई के उनके निवास में सर्च किया जा रहा है.
लॉयर्स कलेक्टिव पर विदेशी चंदा विनियमन कानून (FCRA) को तोड़ने का आरोप है. जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका लाइसेंस रद्द कर दिया था. इसी गड़बड़ी के सामने आने के बाद सीबीआई ने इस मामले में आनंद ग्रोवर और लॉयर्स कलेक्टिव पर केस दर्ज किया गया था.
छापेमारी के वक्त जब आनंद ग्रोवर से संपर्क किया गया, तब उन्होंने किसी तरह की बात करने से इनकार कर दिया. हालांकि, इस बीच उन्होंने कहा कि सीबीआई की तरफ से जो भी आरोप लगाए गए हैं, वह गलत हैं.
इस छापेमारी पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस छापेमारी की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए, लेकिन जो लोग कानून को बचाने में अपना जीवन खपा रहे हैं उन्हें इस तरह परेशान नहीं करना चाहिए.
गृह मंत्रालय की तरफ से आरोप लगाया था कि विदेश से कुछ फंड कलेक्ट किया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल HIV/AIDS बिल की मीडिया में वकालत करने के लिए किया गया. इसके पीछे इन्हीं के फाउंडेशन लॉयर्स कलेक्टिव का नाम सामने आया था.
इसके अलावा ये भी बात सामने आई थी कि NGO ने ही एक फ्री-ट्रेड एग्रिमेंट रैली का आयोजन किया गया था. जिसमें कानून मंत्रालय के बाहर स्पॉन्सर्ड धरने करवाए गए थे. जो कि FCRA कानून का उल्लंघन है.
आपको बता दें कि इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर देश के वरिष्ठ वकील हैं. वह सुप्रीम कोर्ट में भी वकालत कर चुके हैं. इंदिरा जयसिंह 2009 से 2014 तक यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के पद पर तैनात थीं. इसी बीच उनपर आरोप लगा था कि पद का फायदा उठाते हुए उन्होंने कानून का उल्लंघन किया.