महागठबंधन में सेंध! गोरखपुर से सपा सांसद प्रवीण निषाद बीजेपी में शामिल

लखनऊ/गोरखपुर । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़ी सेंधमारी करते हुए समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा उपचुनाव जीतने वाले प्रवीण निषाद को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है. वहीं निषाद पार्टी का बीजेपी के साथ गठबंधन हो गया है. बता दें कि निषाद पार्टी हाल ही में समाजवादी पार्टी से अलग हुई थी.

प्रवीण निषाद के बीजेपी में शामिल होने के बाद केंद्रीय मंत्री और पार्टी नेता जेपी नड्डा ने कहा कि निषाद पार्टी ने पीएम मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर बीजेपी से गठबंधन किया है. प्रवीण निषाद का पार्टी में स्वागत करता हूं.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक तरफा सुनामी बीजेपी और पीएम मोदी की है.  उत्तर प्रदेश में जनता बीजेपी को वोट देगी. उत्तर प्रदेश में सभी जातीय समीकरण टूटेंगे.बता दें कि 2017 में सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद पिछले साल यहां पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने इतिहास रचते हुए जीत हासिल की. उन्होंने बीजेपी के उपेंद्र शुक्ला को हराया था.

प्रवीण निषाद के बीजेपी में शामिल होने से साफ है कि वह अब गोरखपुर से पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं. बता दें कि हाल ही में प्रवीण निषाद के पिता और निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. दोनों की मुलाकात के बाद से ये चर्चा होने लगी थी कि दोनों पार्टियां साथ चुनाव लड़ सकती हैं. लेकिन अब जब प्रवीण निषाद बीजेपी में शामिल हो गए हैं तो इन सभी चर्चाओं पर विराम लग गया है.

सीएम योगी से मिलने के बाद ये बोले थे संजय निषाद

योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद संजय निषाद ने कहा कि यूपी के सीएम ने मुझे आश्वासन दिया कि हमारी शिकायतों को सुना जाएगा और उनसे निपटा जाएगा. निषाद पार्टी अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेगी. एनडीए तय करेगा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा.

गोरखपुर को हाथ से नहीं जाने देना चाहते सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी भी हाल में गोरखपुर लोकसभा सीट को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहते हैं. यहां से उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ सांसद हुआ करते थे. इसके बाद खुद योगी आदित्यनाथ यहां से 1998 से लगातार सांसद चुने जाते रहे. 2017 में सीएम बनने के बाद उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था. इसके बाद हुए उपचुनाव में बीजेपी ने पूरा जोर लगाया था कि यह सीट बरकरार रहे लेकिन सपा ने यह सपना चकनाचूर कर दिया.

इसलिए निषाद उम्मीदवार पर दांव लगा रही हैं पार्टियां

प्रवीण निषाद के बीजेपी के करीब जाने की खबरों के बाद सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए गोरखपुर से उनका टिकट काट दिया था. समाजवादी पार्टी ने यहां से रामभुआल निषाद को मैदान में उतारा है. बता दें कि सपा और बीजेपी का निषाद उम्मीदवारों पर दांव लगाने का एक अहम कारण गोरखपुर में निषाद वोटर्स की भारी संख्या होना है.

गोरखपुर में 3.5 लाख मतदाता निषाद जाति के हैं. इन्हीं निषाद वोटर्स ने पिछले साल हुए उपचुनाव में प्रवीण निषाद की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. उपचुनाव में सपा और बसपा ने साझा उम्मीदवार खड़ा किया था. इससे पहले के चुनावों में भी सपा और बसपा निषाद जाति के लोगों का वोट हासिल करने के लिए निषाद उम्मीदवार को ही टिकट देती रही हैं. लेकिन उनके वोट बंट जाते थे. पिछले साल उपचुनाव में साझा उम्मीदवार होने के कारण निषाद जाति के लोगों के वोट एक ही खाते में गए, जिसका नतीजा ये हुआ कि बीजेपी को पर हार मिली.

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