जयपुर। राजस्थान में गुर्जरों ने राजस्थान सरकार को अल्टीमेटम दे रखा है कि 8 फरवरी तक अगर गुर्जर आरक्षण की घोषणा नहीं होती है तो राजस्थान में वह हाइवे और रेल पटरियों को जाम करेंगे. राजस्थान कांग्रेस कार्यालय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जब यह पूछा गया कि आखिर गुर्जर आंदोलन के लिए सरकार की क्या रणनीति है तो गहलोत ने अपने पास बैठे सचिन पायलट की तरफ इशारा करते हुए माइक पायलट के तरफ पास खिसका दिया. इसके बाद एक साथ सभी लोग ठहाके लगा दिए.
फिर राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्थान सरकार में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अशोक गहलोत से पूछा कि मैं क्यों दूं, आप क्यों नहीं. फिर सामने खड़े पत्रकारों से पूछा आप लोग किससे सवाल कर रहे हैं, सरकार से सवाल कर रहे हैं या फिर कांग्रेस पार्टी से सवाल कर रहे हैं, मामला बिगड़ता देख मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संभालते हुए कहा कि नहीं, आप बोलो, आप भी सरकार का हिस्सा हो. उसके बाद पायलट बोले.
पायलट बोले, मगर अशोक गहलोत की अचानक फेंकी गुगली से वो पूरी तरह से हिले हुए दिखे और रुक-रुक कर सफाई देते हुए कहा कि गुर्जरों के 5 फीसदी आरक्षण के लिए हम पूरी तरह से कटिबद्ध हैं. समर्पित हैं, जो भी इस में कानूनी अड़चन आ रही है उसे जल्द से जल्द दूर किया जाएगा. साथ ही केंद्र की मोदी सरकार भी गुर्जरों के आरक्षण के लिए पहल वैसे ही करे, जैसे 10 फीसदी आरक्षण के लिए पहल की है.
यह कहकर सचिन पायलट और अशोक गहलोत उठ गए, लेकिन चर्चाओं का दौर गर्म हो गया. क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गुर्जर नेता बना दिया है? जब मुख्यमंत्री पद के लिए रस्साकशी चल रही थी तब भी गहलोत गुट की तरफ से कहा जा रहा था कि सचिन पायलट गुर्जर हैं और गुर्जर ही इनका समर्थन कर रहे हैं.
सचिन पायलट के लिए सबसे बड़ी दुविधा यह है कि वह लगातार इस कोशिश में लगे रहते हैं उनकी पहचान एक राजस्थान के जननेता के रूप में हो ना कि गुर्जर नेता के रूप में हो .आज एक बार फिर से सब के सामने घोषित रूप से सचिन पायलट गुर्जर नेता बन गए.