पटना। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के युवा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का कहना है कि जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. लेफ्ट से बातचीत के बाद इस संबंध में फैसला लिया जाएगा. हालांकि आरजेडी पहले से ही कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में नहीं रहा है. इसके कई कारणों में से एक तर्क यह भी है कि कन्हैया कुमार बेगूसराय से चुनाव लड़ना चाहते हैं और आरजेडी का मानना है कि वहां उनसे मजबूत उम्मीदवार उनके पास है.
जेएनयू देशद्रोह मामले से चर्चित हुए कन्हैया कुमार की राजनीति इस मामले में चार्जशीट होते-होते कहीं खत्म न हो जाए. ‘भारत तेरे टुकडे़ होंगे’ जैसे देश विरोधी नारा लगाने के आरोपी कन्हैया कुमार बड़ी तेजी से देश की राजनीति में उभरे और बीजेपी विरोधी खेमे में एक क्षितिज की तरह चमकने लगे. यहां तक उन्हें बिहार के लेनिनग्राद कहे जाने वाले बेगूसराय का भावी सांसद के रूप में देखा जाने लगा. कन्हैया कुमार ने इस दौरान बेगूसराय में अपनी जमीन बनाने के लिए मेहनत भी शुरू कर दी, लेकिन महागठबंधन में लगता है कि उनकी दाल नहीं गलने वाली.
टिकट पर कोई फैसला नहीं
तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कहा कि कन्हैया कुमार के टिकट के मामले पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि पार्टी के लोगों से बैठ कर बात करेंगे. अभी इस मसले को लेकर कोई विचार नहीं हुआ है.
जेएनयू में 2016 में देश विरोधी नारे लगाने के आरोपी कन्हैया कुमार के खिलाफ चार्जशीट इसी साल 14 जनवरी को दाखिल हो गई है. हालांकि इससे पहले कन्हैया से जब भी उनके देश विरोधी नारों के लेकर सवाल पूछे जाते थे तब उनका यही जवाब होता था कि अगर यह सच है तो पुलिस चार्जशीट क्यों नहीं दाखिल करती. अब जबकि इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो गई है तो कन्हैया के लिए जवाब देना मुश्किल होगा.
महागठबंधन यह नहीं चाहती कि ऐसे सवालों का जवाब उन्हें देना पडे़ जिससे बीजेपी को फायदा पहुंचे. सीपीआई अभी कन्हैया कुमार के टिकट की दावेदारी को लेकर चुप है, लेकिन जनता दल यू (जेडीयू) का कहना है कि भ्रष्ट्राचार मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव जेल में रह कर टिकट बांट सकते हैं तो कन्हैया कुमार को भी टिकट मिल ही जाएगा.
लालू ले रहे बड़े फैसले
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, ‘देखिए महागठबंधन में ऐसे सवालों पर मुझे नहीं लगता कि कोई बहुत बड़ी परेशानी है इसलिए महागठबंधन के सबसे बड़े दल के नेता लालू प्रसाद सजायाफ्ता है और वहीं पार्टी के हर बड़े फैसले ले रहे हैं. गठबंधन के बड़े फैसले वही ले रहे हैं तो कन्हैया कुमार के खिलाफ तो अभी केवल चार्जशीट दाखिल हुई है. कन्हैया कुमार पर बहुत गंभीर आरोप हैं राजद्रोह जैसे मामलों में अगर कोई राजनीतिक दल उनकी वकालत करता है तो कहीं ना कहीं देश की जन भावनाओं के साथ वह खिलवाड़ कर रहा है, लेकिन महागठबंधन को लेकर मैं कह सकता हूं कि वह इस तरह के फैसला इसलिए ले सकते हैं क्योंकि उनके यहां सजायाफ्ता और दागदार नेताओं की पूरी फौज खड़ी है.’
वैसे, कन्हैया कुमार को महागठबंधन में एक उभरते हुए नेता के रूप में देखा जा रहा था और इससे तेजस्वी यादव को प्रतिद्वांदिता झेली पड़ सकती थी और आरजेडी या लालू प्रसाद यादव पहले से ही ऐसा नहीं चाहते थे. अब देशद्रोह के मामले में कन्हैया पर चार्जशीट हो गई है तो निश्चित रूप से उनका टिकट कट सकता है यानि जिस घटना की वजह से वो टिकटार्थी बने उसी घटना की वजह से बेटिकट भी हो सकते हैं.