नई दिल्ली। रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार सुबह सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बेंच में जस्टिस उदय उमेश ललित के शामिल होने पर सवाल उठाए. इसके बाद जस्टिस यूयू ललित ने खुद बेंच से हटने का निर्णय ले लिया. कल्याण सिंह के जिस केस का जिक्र राजीव धवन ने किया, वह साल 1994 का है.
कल्याण सिंह के यूपी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान 1992 में बाबरी मस्जिद ढहा दी गई थी. इस मामले में कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने के मामले में सुनवाई हुई थी और यूयू ललित वकील के रूप में पेश हुए थे. उस मामले में कोर्ट ने कल्याण सिंह को एक दिन के जेल और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा दी थी.
61 वर्षीय ललित कल्याण सिंह बनाम सीपी जोशी के साल 2011 के सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में भी कल्याण सिंह के वकील रह चुके हैं. वह 2जी घोटाला, सलमान खान काला हिरण शिकार, वीके सिंह बर्थडे विवाद जैसे हाई प्रोफाइल मामले में भी वकील रह चुके हैं. वह पिछले 15 साल में वकील से सीधे जज बनने वाले दो-तीन वरिष्ठ वकीलों में शामिल थे.
जज बनने से पहले वह सुप्रीम कोर्ट में ही वरिष्ठ वकील थे. वरिष्ठता क्रम के मुताबिक वह 8 नवंबर 2022 को रिटायर होने से पहले 74 दिनों के लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस भी बन सकते हैं.