नई दिल्ली। भारतीय सेना के अध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने जम्मू कश्मीर सीमा पर घुसपैठ मामले में बड़ा बयान दिया है. बिपिन रावत ने कहा कि भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान हमेशा से ही घुसपैठियों का समर्थन करता हुआ है. उन्होंने कहा कि पहले के मुकाबले जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ी घटनाएं कम हुईं हैं. कश्मीर के हालातों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि घाटी के जो युवक आतंक का रास्ता छोड़ने की चाह रखते हैं, भारतीय सेना उनकी मदद के लिए हमेशा साथ खड़ी है.
आतंकियों के जनाजे पर रोक लगाना सही-रावत
सेना प्रमुख ने कहा कि जम्मू कश्मीर के तमाम इलाकों में आतंकियों के जनाजे पर रोक लगाने का फैसला सही साबित हुए हैं. उन्होंने कहा कि आतंकियों के जनाजे पर रोक लगाने के बाद घाटी के हालात पहले से बेहतर हुए हैं, जिससे हिंसा कम हुई है.
रावत ने अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति को और सुधारने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘जम्मू कश्मीर में शांति के लिए हम केवल समन्वयक हैं.’ जनरल रावत ने कहा, ‘हमने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर स्थिति बेहतर तरीके से संभाली है. उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं होनी चाहिए.’
घाटी के युवा हो रहे हैं कट्टरपंथी
उन्होंने कहा कि कट्टरपंथ ने हमारे देश में अलग ही रूप ले लिया है. जम्मू-कश्मीर में युवा इसलिए कट्टरपंथी होते जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें गलत जानकारी दी जा रही है और धर्म के बारे में झूठ बताया जा रहा है. यह रूप अब युद्ध तकनीक बनता जा रहा है. सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि सोशल मीडिया को यह सुनिश्चित करना होगा कि गलत और झूठी जानकारी के ज़रिए कट्टरपंथ न पनप पाए. आतंकवादी संगठन जिन कारणों के लिए पैसा जुटाते हैं, सोशल मीडिया के ज़रिये उनमें कट्टरपंथ फैलाना भी एक कारण है.