नई दिल्ली। देश की सबसे आधुनिक ट्रेन 18 दिल्ली से वाराणसी के बीच चलेगी. यह ट्रेन आठ घंटों में दिल्ली से वाराणसी की दूरी तय करेगी. अब तक दोनों शहरों के बीच चलने वाली सबसे तेज गति वाली ट्रेन साढ़े ग्यारह घंटे का समय लेती हैं. इस ट्रेन में वाई-फाई, सीसीटीवी कैमरों के साथ अंतरराष्ट्रीय मानकों की सुविधाएं होंगी और इसमें कोई इंजन नहीं है. यह ट्रेनसेट है. यह 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार के साथ 750 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.
T-18 के सफल ट्रायल के बाद रेलवे ने इस ट्रेन का नया वर्जन बनाने का फैसला किया है. रेलवे के इस फैसले पर चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी ने काम करना भी शुरू कर दिया है. ट्रेन T-18 के नए वर्जन को लेकर चेन्नई आईसीएफ के महाप्रबंधक सुधांशु मणि ने जानकारी दी. मणि ने बताया आगे की रूपरेखा पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि मार्च तक ट्रेन 18 के दो सेट आएंगे. मणि ने कहा, “हमारा पहला काम फिलहाल ट्रेन 18 के 7-8 सेट तैयार करना है. ये सभी सेट चेयर कार होंगे.”
स्लीपर वर्जन पर काम कर रहा है रेलवे
रेलवे ट्रेन 18 के स्लीपर वर्जन पर भी काम कर रहा है. आसान भाषा में कहा जाए तो इसका राजधानी वर्जन तैयार किया जा रहा है. डिजाइन पर काम जारी. इसमें उसी तरह की खूबियां होंगी जो ट्रेन-18 में मौजूद हैं. एक टॉयलेट ज्यादा दिया जा सकता है. यह एक तरह से ट्रेन-18 के बड़ी बहन होगी. मणि ने बताया कि इस ट्रेनसेट के टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी. सीमित ट्रायल होगा. बहुत ज्यादा वक्त नहीं लगेगा.
स्लीपर में भी तीन वर्जन तैयार किए जाएंगे. एसी फर्स्ट, एसी सेकेंड, 3 टियर एसी. उन्होंने यह भी बताया कि इस पर अध्ययन जारी है कि वर्तमान में स्लीपर में क्या खामियां हैं? इसके बाद फिर डिजाइन का काम शुरू होगा.
यह पूछे जाने पर कि रेलवे ट्रैक पुराने हैं, क्या हमारे मौजूदा ट्रैक ट्रेन-18 के लिए सक्षम हैं? इस प्रश्न के जवाब में मणि ने कहा, “130 किमी वाले ट्रैक पर ही ट्रेन-18 को चलाया जाएगा. यह काफी सफल होगी. टी-18 को दिल्ली-वाराणसी ट्रैक पर चलाया जाना है, ऐसी खबर है. इलाहाबाद तक 130 किमी की रफ्तार से दौड़ाया जाएगा.