नई दिल्ली। खुफिया एजेंसियों ने सरकार को भेजे एक रिपोर्ट में कहा है कि नक्सली कमांडर गणपति फ़िलीपीन्स में मौजूद हो सकता है. खुफिया एजेंसियों को शक है कि लंबी बीमारी से जूझ रहा गणपति फ़िलीपीन्स में अपना इलाज़ करा रहा है. एजेंसियो के इस इनपुट के बाद गृह मंत्रालय ने नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस फ़ोर्स (सीआरपीएफ) ,सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और आईबी से कहा है कि वो गणपति के बारे में मिले इस इनपुट के बारे में जानकारी जुटाए.
पिछले कुछ सालों से लंबी बीमारी और बढ़ती उम्र की वजह से गणपति ने अपनी सक्रियता बंद कर दी थी. केंद्रीय व आंध्रप्रदेश की खुफिया एजेंसियों के मुताबिक के गणपति गंभीर रूप से बीमार है. उसकी किडनी खराब हो गई है, घुटने में दिक्कत है, शुगर और बीपी कभी भी शिकायत है. फिलहाल उसकी स्थिति चलने-फिरने की नहीं है. लंबे समय से संगठन की गतिविधियों से भी वह दूर है.
रिपोर्ट के मुताबिक नंबल्ला केशव राव को नक्सलियों का नया कमांडर बनाया गया है. हम आपको बता दे कि गणपति पर करीब ढाई करोड़ रुपये का ईनाम है और देश की सभी जांच एजेंसियां लंबे वक़्त से गणपति की तलाश कर रही है.
केंद्रीय जांच एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक़ गणपति की तलाश हम लंबे वक्त से कर रही है. गणपति के बारे में कुछ नक्सलियों के फोन इंटरसेप्ट से ये पता चला है कि वो फ़िलीपीन्स में मौजूद हो सकता है.
गणपति ने साल 1992 से संगठन में महासचिव की जिम्मेदारी संभाल थी. साल 2000 में गणपति के नेतृत्व में नक्सल संगठन ने सैनिक लाइन को विकसित कर जनमुक्ति छापामार सेना गठित की थी. इसके बाद नक्सल आंदोलन और तेज हो गया.
गणपति की जग नंबल्ला केशव राव जो नक्सल संगठन का नया महासचिव बनाया गया है. उसके बारे में मिली जानकारी के अनुसार वह आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम का रहने वाला है. खुफिया विभाग गणपति की लोकेशन को लगातार ट्रेस कर रहा है. पुलिस व खुफिया विभाग द्वारा गणपति की हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक गणपति दो माह पहले ही देश छोड़ चुका है.
देश में सक्रिय लाल आतंकी संगठन के आका गणपति को केंद्रीय व कई राज्यों की खुफिया एजेंसी और पुलिस 40 वर्षों में तलाश नहीं पाई है. यहां तक पुलिस या एजेंसियों के पास उसकी कोई ताजा फोटो भी नहीं है. एकमात्र फोटो है, वह भी करीब 20 से 25 साल पुरानी है.