नई दिल्ली। अयोध्या मामला सुप्रीम कोर्ट में है और 10 जनवरी को इस पर सुनवाई होगी, लेकिन इस मुद्दे पर सियासत जमकर जारी है. इसी कड़ी में दिल्ली में “एक शाम बाबरी मस्जिद के नाम” से हुए कार्यक्रम में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने बाबरी मस्जिद को गिराना संविधान की हत्या करार दिया.
‘अगर कांग्रेस चाहती तो बाबरी मस्जिद नहीं गिरती’
मणिशंकर अय्यर ने बाबरी मस्जिद को गिराए जाने को लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि उस वक़्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, अगर वो चाहती तो 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ना गिरती. दिल्ली के ग़ालिब इंस्टीट्यूट में इस कार्यक्रम का आयोजन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ने किया था जिसमें कई मशहूर शायर और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव भी मौजूद रहे.
कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने एक के बाद एक बयान दिए. अय्यर ने कहा कि “जिस दिन बाबरी मस्जिद को शहीद किया गया, उस दिन भारत के ईमान को भी शहीद कर दिया गया”. अय्यर यही नहीं रुके बल्कि उन्होंने सवाल किया कि 1992 में जो शर्मनाक वाकया हुआ उससे बुरा औऱ क्या हो सकता था? अय्यर ने महात्मा ग़ांधी की शहादत और बाबरी मस्जिद के गिरने को एक जैसा बताते हुए कहा कि क्या मुसलमान इस देश में सुरक्षित रह सकते हैं?
राजा दशरथ के महल में 10 हजार कमरे थे
मणिशंकर अय्यर ने ये भी कहा कि आप मंदिर बनाये हम खिलाफ नहीं, लेकिन आप ये कैसे कह सकते है कि मंदिर वहीं बनाएंगे. जबकि राजा दशरथ के महल में 10 हज़ार कमरे थे, किसको पता राम जी किस कमरे में पैदा हुए.
इस मौके पर एसडीपीआई के नेशनल कंवेनर तस्लीम रहमानी ने भी अपने भाषण को जज़्बाती बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी. रहमानी ने कहा कि “1992 में बाबरी मस्जिद को शहीद किया गया, और सबने एक होकर कहा कि जुल्म हुआ. 6 दिसम्बर 1992 को देश के आधे से ज्यादा मुसलमानों के घरों में चूल्हा नहीं जला था. उन्होंने मीडिया और सरकार के खिलाफ बोलते हुए इल्ज़ाम लगाया विवादास्पद बयान दिया और कहा कि जिस मस्जिद को गिराते हुए सारी दुनिया ने देखा, उसके इंसाफ की कोई बात नहीं करता. लेकिन राम जी के बारे में सही से किसी को पता भी नहीं कि क्या वाकई वो उसी स्थान पर पैदा हुए, जहां मंदिर बनाने की बात की जाती है. तस्लीम रहमानी ने पूरे देश में बाबरी मस्जिद के समर्थन में रैलियां करने की बात कही.
इस कार्यक्रम में माजिद देवबंदी, जौहर कानपुरी जैसे कई मशहूर शायर भी मौजूद थे, जिन्होंने बाबरी मस्जिद के समर्थन में जज़्बाती शायरी की. एसडीपीआई एक राजनीतिक पार्टी है और पहले भी कई बार विवादस्पद मुद्दों पर बोलती रही है. दक्षिण भारत में चुनाव लड़ने वाली ये पार्टी उत्तर भारत के मुसलमानों के बीच अपनी जगह बनाने की कोशिश में जुटी है, इसलिए वो ऐसे मुद्दों पर जमकर सियासत कर रही है.