नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजों ने जहां एक तरफ कांग्रेस के लिए राज्य में 15 साल का सूखा खत्म करने की तरफ इशारा किया है. वहीं बीजेपी के लिए यह नतीजे किसी राजनीति हार की तरह न होकर एक सबक की तरह है. हालांकि राज्य की 230 सीटों में से बुधवार सुबह तक केवल 229 सीटों के ही नतीजे घोषित किए गए थे. महगांव सीट पर वोटों की गिनती बुधवार सुबह तक जारी थी. नतीजों में यह सीट भी कांग्रेस ने जीत ली है. यानि 230 सीटों के नतीजों में कांग्रेस को 114 सीटेंं मिली हैं. राज्य में सत्ताधारी बीजेपी को 109 सीटेंं मिली हैं. बीएसपी को 2 सीटेंं मिली हैं, समाजवादी पार्टी को 1 व 4 सीटेंं अन्य के खाते में गई है. मध्य प्रदेश के नतीजों से ये साफ हो गया है कि राज्य में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिला है. बीएसपी ने कांग्रेस को समर्थन करने का ऐलान कर दिया है.
दोपहर 12 बजे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता कमलनाथ के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे. मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह ने अच्छी लड़ाई लड़ी. उन्होंने कहा कि शिवराज मेरे अच्छे दोस्त हैं. कमलनाथ दोपहर 1 बजे भोपाल में शिवराज सिंह से मिलने के लिए जाएंगे. मध्य प्रदेश के सीएम पद की दावेदारी के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि यह फैसला विधायक दल की बैठक में होगा.
वहीं कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘शिवराज कहते थे कि राज्य में 200 सीटें जीतेंगे. लेकिन पूरे 5 राज्यों की कुल सीटें मिलाकर भी बीजेपी की 200 सीटें नहीं हो रही है.’
भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान के घर पर बीजेपी की अहम बैठक चली. इस बैठक के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से कहा कि हमारे पास संख्या बल नहीं है, मैं संख्या बल के सामने सिर झुकाता हूं. हम राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे. मैं राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने जा रहा हूं.
शिवराज के घर हुई बीजेपी की बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, विनय सहत्रबुद्धे और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह भी मौजूद रहे.
इससे पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा समय तक कांग्रेस ने ही राज किया है. लेकिन कांग्रेस ने समाज के दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक तबके के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया है. कांग्रेस ने यदि इस तबके के लिए कुछ किया होता तो हमें बीएसपी बनाने की आवश्यकता नहीं होती. मायावती हमने ये चुनाव हमने बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए लड़ा था. लेकिन हम इसमें कामयाब नहीं हुए है. इसलिए हम कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान करते हैं.
इससे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि हम बुधवार को राज्यपाल महोदय से मुलाकात करेंगे. राकेश सिंह ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस को जनादेश नहीं मिला है. राकेश सिंह ने दावा किया है कि राज्य के कई निर्दलीय विधायक उनके संपर्क में है.
वहीं 114 सीटें जीतने वाली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर अपनी सरकार बनाने का दावा पेश किया है. साथ ही उन्होंने मंगलवार देर रात राज्यपाल से मिलने का वक्त भी मांगा था. कमलनाथ ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी होने निर्दलीय विधायकों के समर्थन की बात करते हुए प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश किया है.
अपने पत्र में कमलनाथ ने लिखा है, ‘‘कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरकर आ रही है.
इसके अलावा कांग्रेस को सभी निर्दलियों का भी समर्थन हासिल है.’’ इसके साथ ही कमलनाथ ने परिणामों की अधिकृत घोषणा के साथ ही वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगते हुए प्रदेश में सरकार बनाने की अनुमति चाही है.