संसद में सेंगोल पर ताजा विवाद में कूदीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा पर जमकर हमला बोला। मायावती ने कहा कि सपा के हथकंडों से सावधान रहने की जरूरत है।
संसद के विशेष सत्र के बीच सेंगोल पर सियासत ने तूल पकड़ लिया है। संसद से सेंगोल की हटाने मांग पर अब बसपा प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने सेंगोल को लेकर समाजवादी पार्टी को घेरा है। मायावती ने कहा कि सपा के हथकंडों से सवाधान रहने की जरूरत है। वह जरूरी मुद्दों पर चुप रहती है।
मायावती ने शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं, इस पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए यह बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केन्द्र सरकार को घेरती। उन्होंने आगे कहा कि जबकि सच्चाई यह है कि यह पार्टी अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है तथा सरकार में आकर कमजोर वर्गों के विरूद्ध फैसले भी लेती है। इनके महापुरूषों की भी उपेक्षा करती है। इस पार्टी के सभी हथकण्डों से जरूर सावधान रहें।
दरअसल, यूपी के मोहनलालगंज लोकसभा सीट से सपा के सांसद आरके चौधरी की संसद में लगे सेंगोल को हटाने मांग पर सियासी बवाल मचा है। आरके चौधरी ने स्पीकर और प्रोटेम स्पीकर को एक चिट्ठी लिखी। आरके चौधरी ने कहा कि सेंगोल में की जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए। सेंगोल राजा-महाराजाओं का प्रतीक है, इसे संसद से हटा देना चाहिए। सांसद की इस मांग पर सियासत तेज हो गई। इसके बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सपा सांसद के बचाव में उतरे। उन्होंने कहा कि हमारे पार्टी के सांसद इसलिए ऐसा कह रहे होंगे क्योंकि जब सेंगोल पहली बार लगा था तब पीएम नरेंद्र मोदी ने बाकयदा उसे प्रणाम किया था। इस बार शपथ लेते समय शायद वो भूल गए। उसी को याद दिलाने के लिए शायद पार्टी के सांसद ने कुछ इस तरह का पत्र लिखा है।