नीट पेपर लीक मामले में कुछ नए राज खुलकर सामने आने लगे हैं. पेपर लीक मामले में सबसे अहम सवाल ये है कि पेपर कहां से आया और किसको मिला. अब ये खुलासा हो चुका है कि नीट का पेपर सबसे पहले सॉल्वर गैंग के चिंटू के पास आया था. चिंटू और पिंटू संजीव मुखिया के बेहद करीबी हैं. चिंटू, पिंटू ही पटना के अलग-अलग ठिकानों से अभ्यर्थियों को लेकर लर्न प्ले स्कूल पहुंचे थे.
चिंटू उर्फ बलदेव और पिंटू ने ही लर्न प्ले स्कूल में सारी व्यवस्था की थी. 5 मई की सुबह करीब नौ बजे चिंटू के ही मोबाइल पर प्रश्न पत्र और उत्तर आए. चिंटू ने प्रश्न पत्र और उत्तर प्रिंट कर अभ्यर्थियों को रटने के लिए दे दिया. इसके बाद सभी को कार से अपनी निगरानी में परीक्षा केंद्र तक छोड़ने की जिम्मेदारी भी चिंटू और पिंटू की ही थी.
चिंटू नालंदा के गुलहरिया बिगहा का रहने वाला है. संजीव मुखिया भी पास के ही नागरनौसा का रहने वाला है. संजीव मुखिया ने चिंटू और पिंटू को पटना की सारी जिम्मेदारी दे रखी थी. अब आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी संजीव मुखिया के साथ-साथ चिंटू और पिंटू की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी कर रही है. इनके साथ राकेश रंजन उर्फ रॉकी, नीतीश यादव, नीतीश पटेल भी इस पेपर लीक कांड में शामिल हैं. इन लोगों ने पिछले साल भी नीट पेपर लीक का प्रयास किया था.
इस मामले में बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि गिरफ्तार मुख्य आरोपी का राजद नेता तेजस्वी यादव से जुड़े एक अधिकारी के साथ संदिग्ध संबंधों की सीबीआई से कराने की सिफारिश के लिए मुख्यमंत्री नीतीश से अनुरोध किया जाएगा. तेजस्वी से जुड़ा एक अधिकारी सिकंदर प्रसाद यादवेंदु के साथ लगातार संपर्क में था. सीबीआई जैसी किसी भी स्वतंत्र एजेंसी से जांच की सिफारिश करना सीएम का विशेषाधिकार है.
डिप्टी सीएम ने कहा, मैंने गुरुवार को मीडिया के सामने सब कुछ रखा था. मैंने कुछ सबूत भी साझा किए थे. अब ये बातें सार्वजनिक हैं. उम्मीद है कि राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई आरोपी का राजद नेता के अधिकारियों के साथ संबंध की भी जांच करेगी.