सिंधी समाज ने संत परंपरा को हमेशा से अपने जीवन में आत्मसात किया है. संत परंपरा सिंधी समाज की अमूल्य धरोहर रही है. संत परंपरा में संत कंवर राम साहिब सिंधी समाज के उच्चतम संतों में से थे. संत श्री तत्कालीन अविभाजित भारत के महान संत व सूफी भगत थे, समाज के वंचित, दिव्यांग, गरीबों के लिए उनके सेवा कार्य समाज के लिए प्रेरणा दायक थे.धर्म का प्रसार हमेशा उन्होंने अपने सत्संग व भजन कीर्तन द्वारा किया, सनातन धर्म के लिए अंततः उन्होंने अपने जीवन का बलिदान देकर अमर शहीद हों गए.
ऐसे महान संत का 139वा जन्मोत्सव दिनांक 13/04/2024 को संत कंवर राम चौराहा, आलमबाग में मनाया जायेगा . इस अवसर पर संत श्री मोहन लाल जी, शिव शांति संत असुदा राम आश्रम, आलमबाग, लखनऊ द्वारा प्रातः 09.00 बजे चौराहा पर स्थित संत जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके पूर्ण दिवसीय भंडारे का सुभारंभ करेंगे, इसके अलावा 11.30 बजे से स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया जाएगा .
गुरु माता दयाली देवी सेवा मंडल के सदस्य प्रीतम वालेचा ने जानकारी दी की अमर शहीद संत कंवर राम साहिब जी के जन्मोत्सव के दिन विगत 15 वर्षो से संत कंवर राम चौराहा पर भंडारा व रक्त दान शिविर का आयोजन किया जाता है, इस अवसर पर लगभग 30 हजार लोगों को भंडारा प्रसाद वितरित किया जाता है.
संस्था के सदस्य विनय, हंसराज, मोहन, कमल, हैपी, संतोष, अजीत,सुनील, संदीप, तेज नारायण, दीपक,श्याम,अनूप,विकी,राजेश,भरत आदि पूरे दिवस सेवा संचालन करते हैं.
विनय मलानी द्वारा यह जानकारी दी गई की ये सेवा संपूर्ण सिंधी समाज के सहयोग से की जाती है, व पूरा सिंधी समाज 13 अप्रैल को संत जी के इस भंडारे के आकर सेवा लाभ प्राप्त करते हैं